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उज्जैन 9 जुन सोमवार युगपुरुष परमानंद जी गिरी ने महंतों की तुलना श्व़ान से कर डाली इस विवादित बयान से साधु संतों के आक्रोश पर पंचायती निरंजन अखाड़े के सुरेशानंद पुरी जी महाराज के सानिध्य में समंदर गिरी महाराज आनंद अखाड़ा श्रीनाथ जी महाराज विजय भारती महाराज जुना अखाड़ा राम गिरी सरस्वती महंत रणजीत पुरी महाराज आह्नान अखाड़ा द्वारा शंकराचार्य चौराहा बड़नगर रोड पर संतों ने परमानंद जी का पुतला जलाया

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संतों ने परमानंदजी का पुतला जलाया महाराज ने संतों की तुलना श्व़ान से की थी, इससे संत समाज में आक्रोश
उज्जैन शंकराचार्य चौराहा बड़नगर पर संतों ने युगपुरुष परमानंद गिरिजी महाराज का पुतला जलाया। साथ ही नारेबाजी भी की। युगपुरुष परमानंद गिरिजी महाराज के कुत्ते वाले बयान पर साधु-संत नाराज हैं। दो दिन पहले. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने भी इस बयान की निंदा की थी। पंचायती निरंजनी अखाड़े के महंत सुरेशानंद पुरी ने कहा कि युगपुरुष ने संतों और महंतों की तुलना कुत्ते से कुत्ता होता है, वह अगले जन्म पद पर होने के बावजूद अमर्यादित भाषा का प्रयोग करना अनुचित है। पूरे साधु समाज ने उनका पुतला दहन किया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष से आग्रह किया है कि उन्हें पदमुक्त कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें। युगपुरुष परमानंदजी के बयान के विरोध में उनका पुतला जलाते हुए अन्य साधु-संत। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्रपुरीजी ने कहा था-ऐसी भाषा संत को शोभा नहीं देती, अखाड़ा परंपरा का अपमान है 1 जून को हरिद्वार में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी, युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरिजी महाराज, साध्वी ऋतंभरा सहित बड़ी संख्या में संत-महंत शामिल हुए थे। इस दौरान परमानंद गिरिजी ने एक दंत कथा सुनाते हुए संतों की तुलना कुत्तों से की थी। वहां मौजूद अन्य संतों ने इस पर ठहाके भी लगाए थे। वीडियो वायरल होने पर संत समाज ने आक्रोश जताया था। अभा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्रपुरी महाराज ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस तरह की भाषा किसी भी संत को शोभा नहीं देती। यह अखाड़ा परंपरा का अपमान है।

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