उज्जैन- शहर कांग्रेस कार्यालय पर पूर्व सैनिकों की प्रेसवार्ता में कहा देवड़ा व शाह को पद से हटाऐ नहीं तो माना जाएगा कि सीएम सेना का अपमान कर रहे हैं। पुर्व जरनल

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उज्जैन शनिवार 24 मई सशस्त्र सैनिकों में जवानों को अपने अफसर और विशेष कर अपने कमांडिंग ऑफिसर पर नाज होता है और ऑफिसर को भी अपने बहादुर सैनिकों पर नाज होता है। कर्नल सोफिया कुरैशी जिन्हें सेना ने अपना प्रवक्ता नियुक्त किया था। प्रवक्ता किसी भी संगठन का मुखौटा होता है, और सर्वश्रेष्ठ होता है। कर्नल सोफिया कुरैशी एक आउटस्टैंडिंग ऑफिसर हैं, वहीं मध्यप्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवडा और मंत्री विजय शाह सेना को अपमानित करके भी मंत्री बने हुए हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री इनके कृत्य से कोई फर्क नहीं पड़ता बल्कि वह तो उनको बचाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। यदि मुख्यमंत्री आप अपनी सशस्त्र सैनाओं का अपमान करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करते, उन्हें नहीं हटाते तो क्या यह माना जाए कि ऐसा करके आप भी सेना का अपमान कर रहे हैं। और यदि ऐसा कर रहे हैं तो आपकी इन तिरंगा यात्राओं का क्या मतलब निकाला जाए। यह बात पूर्व जनरल श्यामसुंदर श्रीवास्तव ने पत्रकारवार्ता के दौरान कही। शहर कांग्रेस कार्यालय पर हुई पूर्व सैनिकों की प्रेसवार्ता के दौरान जनरल श्रीवास्तव एवं साथ आए सभी पूर्व सैनिक पदाधिकारियों का स्वागत सम्मान किया। कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम् गान से हुई। वंदे मातरम् सेवादल अध्यक्ष चैनसिंह चौधरी द्वारा करवाया गया। शहर अध्यक्ष भाटी ने कहा कि सेना का अपमान कायरता पूर्ण है। इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कमल पटेल भी उपस्थित रहे। श्रीवास्तव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया और फिर पाकिस्तान के हर हमले  के अधिकतर ड्रोन और मिसाइले हवा में ही तबाह कर दी गई। यदि उन्होंने एक गोला फेंका तो हमने 10 गोले फेंके, चाहे आर्मी हो नेवी हो या एयरफोर्स हर क्षेत्र हमारी सशस्त्र सेवाएं पूरी तरह हावी रहीं। यदि संघर्ष विराम होता, तो शायद 1971 की तरह इस बार भी हम पाकिस्तान का नक्शा बदल देते। यह बात समझ से परे है कि आज जब हम पुनः 1971 का इतिहास दोहराने की स्थिति में थे तो अचानक संघर्ष विराम क्यों किया गया? सेना के इस अद्भुत पराक्रम से हर देशवासी

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