संतो के मार्गदर्शन में भव्य और दिव्या कुंभ का होगा आयोजन =मेला अधिकारी, समय सीमा में होंगे सभी कार्य। उज्जैन साधु संतों का आशीर्वाद और मार्गदर्शन से ही सिंहस्थ 2028 भव्य और दिव्य कुंभ साबित होगा ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है, की मेले के सभी निर्माण कार्य समय सीमा में पूरे होंगे यह पूरे प्रशासन की जिम्मेदारी है। यह बात नवागत मेला अधिकारी आशीष सिंह ने अखाड़ा परिषद उज्जैन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहीं गऊ घाट पाल मार्ग स्थित महंत डॉ रामेश्वर दास महाराज के जगदीश मंदिर आश्रम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नवागत मेला अधिकारी आशीष सिंह एवं कलेक्टर रोशन कुमार सिंह सहित पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा एडीएम प्रथम कौशिक निगम कमिश्नर आशीष पाठक, उज्जैन विकास प्राधिकरण सीईओ संदीप सोनी का सभी ने सम्मान कर, आशीर्वाद दिया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष उज्जैन के अध्यक्ष महंत डॉ रामेश्वर दास महाराज और महामंत्री श्रीमहंत रामेश्वर गिरी महाराज ने नवागत अधिकारियों का शाल श्रीफल से सम्मान कर सिंहस्थ कुंभ मेला 2028 के लिए आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत डॉ रामेश्वर दास महाराज ने बताया कि सिंहस्थ के जो कार्य चल रहे हैं वह समय सीमा में पूर्ण होने के साथ ही, शिप्रा नदी में मिल रहे गंदे नालों को रोकने पर प्रभावी काम हो साथ ही,सिंहस्थ 2004, 2016 की तर्ज पर सिहस्थ 2028 में शासन मद से अखाड़ों और आश्रमों में स्थाई निर्माण कार्य अभी से शुरू हो,इस पर मेला अधिकारी और कलेक्टर ने आस्वस्त किया कि जल्द ही शासन स्तर से मार्गदर्शन लेकर कार्य शुरू करवाए जाएंगे, नवगत मेला अधिकारी का महानिर्वाणी अखाड़ा के श्याम गिरी महाराज राधे राधे बाबा, आव्हान अखाड़े के सेवानंद गिरी महाराज ,दिगम्बर अखाड़े के महंत रामचंद्र दास महाराज, निर्वाणी आणि अखाड़े के महंत दिग्विजय दास महाराज, निरंजनी अखाड़े के महंत,सुरेशानंदपुरी महाराज, जूना अखाड़े के महंत परमानंद गिरि महाराज,बलराम दास3 महाराज,दिग्विजय दास महाराज बड़ा राम मंदिर,महेश दास महाराज,अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता डॉ गोविंद ,डॉ राहुल कटारिया सहित अन्य सन्तो ने स्वागत किया ओर परिषद की ओर एक मांग पत्र सोपा,कार्यक्रम का संचालन डॉ राहुल कटारिया ओर आभार परिषद के महामंत्री श्री महंत रामेस्वर गिरी महाराज ने माना। साधु संतों द्वारा मांग पत्र में उठाए गए मुद्दों इस प्रकार हैआगामी सिंहस्थ महापर्व 2028 को लेकर मप्र सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर अधोसंरचनागत विकास कार्य किए जा रहे है. जो कि प्रशंसनीय होकर सिंहस्थ को वैश्विक पटल पर ले जाने एवं उज्जयिनी के विकास कि दिशा में अहम कदम है। इस संदर्भ में कुछ अहम बिंदू व मांगे है जिनकी और हम साधु-संत समाज आपका ध्यानाकर्षण करते हुए
प्रमुख बिंद निम्नलिखित है। मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में मिल रहे 13 नालों को पूरी तरह बंद कराया जाएं, इससे यहां आने वाले लाखको श्रृद्धालुओं कि भावनाएं आहत होती है। कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना के काम तेजी लाई जाएं, सिंहस्थ में कम समय ही शेष बचा है। अन्यथा ये काम 2027 तक पूर्ण नहीं हो पाएगा। देवास-इंदौर कि फैक्ट्रियों का जहरीला पानी शिप्रा में मिलने से जल्द रोका जाना चाहिए।
सिंहस्थ कि पेशवाई जिन मार्गों से निकलती है, उन मार्गो को चौडा किया जाएं, ताकी भीड प्रबंधन में मदद मिलें।- यह कि सिंहस्थ महापर्व प्रारंभ होने के छह माह पूर्व से संतों का उज्जैन आना प्रारंभ हो जाता है, वे स्थानीय आश्रमों में ही ठहरते है। ऐसे में पूर्व के सिंहस्थ 2004, 20016 कि भांति शासन मद से इन आश्रमों में पक्के निर्माण कार्य अभी से शुरु हो। ताकि वे समय पर गुणवत्ता के साथ पूर्ण हो सकें।
शहर में टाटा कंपनी द्वारा सिवरेज का जो काम किया जा रहा है, वह अविलंब पूर्ण कराया जाए, ताकी शहर का गंदा पानी शिप्रा में न मिलें।
सिंहस्थ मद से शहर के चारों और पत्थरों के भव्य प्रवेश द्वारा निर्मित किए जाएं, जिससे शहर की पौराणिक आभा में अभिवृद्धि हो।
तीर्थ के तालाब को गहरा किया जाकर, चारों तरफ घाट निर्माण करवाकर यहा ट्यूबवल खनन किया जाएं।- मंगलनाथ क्षेत्र में पूज्य रामानंदाचार्य जी एवं दत्त अखाडा क्षेत्र में पूज्य शंकराचार्य भगवान कि विशाल प्रतिमाएं स्थापित कर, क्षेत्र का सौंदर्याकरण किया जाएं।
सांदीपनी आश्रम के सामने से जो नाला है, उसे भूमिगत बनाया जाएं।
2025-05-15