उज्जैन में स्थाई कुंभ नगरी बसाने की योजना महत्वपूर्ण, हरिद्वार में भी ऐसे ही व्यवस्था प्रयागराज कुंभ से लौटे महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद गिरिजी ने जानकारी दी

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उज्जैन में स्थाई कुंभ नगरी बसाने की योजना महत्वपूर्ण, हरिद्वार में भी ऐसे ही व्यवस्था प्रयागराज कुंभ से लौटे महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद गिरिजी ने कहा उज्जैन सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन में स्थाई कुंभ नगरी बसाने की योजना महत्वपूर्ण है। हरिद्वार में भी इसी प्रकार की व्यवस्था है, जिससे वहां हर बार कुंभ लगाना बेहद आसान और साधु संत व भक्तों के लिए सुविधा पूर्ण रहता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मन में सिंहस्थ के लिए जो प्लानिंग चल रही है, वह मिल का पत्थर साबित होगी। श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरिजी महाराज ने प्रयागराज कुंभ से उज्जैन लौटने पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ क्षेत्र में स्थाई कुंभमसाहस्थ क्षेत्र मनाक हार जाएगा तो सड़क, सीवरेज, पेयजल, शौचालय, प्रकाश व्यवस्था सहित अन्य कई सारी व्यवस्थाएं हमेशा के लिए उपलब्ध हो जाएगी। इसमें साधु-संत अपने हिसाब से प्रवचन हाल, भोजनालय, वेद पाठशाला, गोशाला, भक्तों के रहने ठहरने के लिए कमरे, शौचालय, चिकित्सालय आदि का निर्माण कर लेंगे, जो स्थाई रहेगा। इनका उपयोग सिंहस्थ के बाद भी 12 साल तक निरंतर किया जा सकेगा। इस पर तुरंत काम शुरू किया जाना चाहिए। बड़नगर मार्ग को 6 लेन होना चाहिए: सिंहस्थ में आवागमन की सुविधा और साधु संतों की पेशवाई के लिए बड़नगर मार्ग को सिक्स लेन किया भक्तों कम से कम चलना पड़े ऐसी हो व्यवस्था सिंहस्थ में भक्तों को कम से कम पैदल चलना पड़े इस प्रकार की व्यवस्था की जानी चाहिए। शिप्रा पर बड़ी संख्या में आने और जाने के लिए एक साथ दो-दो ब्रिज के निर्माण होना चाहिए। इससे यातायात काफी सुविधाजनक तरीके से होगा। जाना चाहिए। क्योंकि यही मार्ग रहेगा, जिससे हर अमृत स्नान के दिन साधु संतों की पेशवाई निकलेगी और उसे देखने के लिए हजारों भक्त मौजूद रहेंगे। इसलिए इस मार्ग का सिक्स लेन होना नितांत आवश्यक है। बड़नगर, आगर और मक्सी रोड को फोरलेन किया जाना चाहिए।

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