उज्जैन स्थानीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बने महंत डॉ रामेश्वर दास महाराज महामंत्री बने श्रीमहंत रामेश्वर गिरी महाराज, सिंहस्थ 2028 के कार्य प्राथमिकता में, 28 को भोपाल में मिलेंगे मुख्यमंत्री से

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उज्जैन। एक और जहां शासन प्रशासन सिंहस्थ 2028 की तैयारी में लगा है, वहीं साधु संतों ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर उज्जैन अखाड़ा परिषद का चुनाव शनिवार को संपन्न हुआ। जिसमें सर्वसम्मति से महंत डॉ रामेश्वर दास महाराज को अध्यक्ष और श्रीमंत रामेश्वर गिरी महाराज को महामंत्री बनाया गया साथ ही अन्य पदाधिकारी का चुनाव संपन्न हुआ। शनिवार को जूना अखाड़ा कामाख्या धाम में 13 अखाड़े के पदाधिकारियों की बैठक हुई। स्थानीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महानिर्वाणी अखाड़े के महंत श्याम गिरी महाराज राधे राधे बाबा ने बताया कि सिंहस्थ 2028 के कुंभ मेले की तैयारी को सुचारू रूप से स्थान स्तर पर संचालित करने के लिए उज्जैन के सबसे वरिष्ठ संत निर्वाणी आणि के श्री महंत दिग्विजय दास महाराज की अध्यक्षता में अखाडा परिषद जन न्यास के चुनाव हुवे। जिसमे डॉ रामेश्वर दास महाराज को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। वहीं परिषद के महामंत्री पद पर जूना अखाड़े के श्री महंत रामेश्वर गिरी महाराज बने। वहीं उपाध्यक्ष श्री महंत आनंद पूरी महाराज, बड़ा उदासीन अखाड़े के महंत सत्यानन्द महाराज, कोषाध्यक्ष निर्मोही अखाड़े के महंत भगवान दास महाराज, प्रवक्ता महंत श्याम गिरी महाराज को बनाया गया। परिषद के नवनियुक्त अध्यक्ष महंत डॉ रामेश्वर महाराज ने कहा कि सिहस्थ महाकुंभ में 3 साल का समय बचा है, इसलिए अब शासन प्रशासन से समन्वय कर स्थानीय साधु संतों के कार्य प्राथमिकता से करने के साथ ही मेला क्षेत्र में समुचित व्यवस्था सुचारू रूप से हो। इसलिए आगामी 28 अक्टूबर को भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात कर परिषद की मांगों से अवगत कराया जाएगा। इस दौरान उनके द्वारा हाल ही में मेला क्षेत्र में अखाड़े, आश्रमों को स्थाई निर्माण की अनुमति दिए जाने पर अखाड़ा परिषद द्वारा उनका सम्मान भी रखा गया। नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का महामंडलेश्वर भगवान बापू, महंत विशालदास महाराज, भाजपा नेता जगदीश पांचाल, गिरीश शास्त्री, संतोष यादव सहित अखाड़ा परिषद से जुड़े डॉ. राहुल कटारिया, गोविंद सोलंकी, संदीप बागड़ी, लड्डू गुरू, राजा खत्री, सहित अन्य भक्तों ने पुष्पमाला और शाल ओढ़ाकर सम्मान किया।

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