उज्जैन शुक्रवार 20 सितंबर भारत माता की रक्षा के लिए भगवा ध्वज का मान रखना है। मैं कभी व्यासपीठ से चुनाव की बातें नहीं करता लेकिन इस देश की परिस्थितियों को देखते हुए जिसका भगवा ध्वज है उसके हम हैं, यह हमें संकल्प लेना है। यह भागवत तभी तक सुरक्षित है जब तक ये राष्ट्र सुरक्षित है। भारत देश को सोने की चिड़िया कहा जाता है। यह भागवत सिद्ध करती है, जिसमें मधुरा नगरी का ही वर्णन किया है जहां मथुरा नगरी में दीवारें चांदी, पीतल की थी। सोने के दरवाजे, सांकलें थीं। मथुरा में वंदनवार मोती माणक के थे। सोने की चिड़िया भारत राष्ट्र को कई बार लूटा। हमारा देश विश्वगुरु था और हमेशा रहेगा। ऐसी कोई भूमि नहीं जहां भगवान जन्म हुआ।का यह बात महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी महाराज ने बड़नगर रोड मोहनपुरा स्थित श्री बाबा धाम मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में शुक्रवार को कथा के दौरान कही। उन्होंने महारास गरबा, श्रीकृष्ण रासलीला उत्सव, श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह उत्सव के साथ कंस वध की कथा सुनाई। उन्होंने कहा भारत देश की भूमि पर भगवान राम और श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। लोकतंत्र में उसी का राज होता है जिसके हाथ में वोट होते हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ मजबूत करिए, उनके कंधे से कंधा मिलाकर चलिए, इस राष्ट्र को हिंदू राष्ट्र की ओर ले जाने का प्रयास कीजिए। हमारी माताएं क्षत्राणी हैं, दुर्गा और रानी लक्ष्मीबाई हैं। राष्ट्र को बचाना है तो माता को संकल्प दिलाना चाहता हूं, हर माता 4 संतान पैदा करे। तुलसीदासजी ने बहुत अच्छी बात कही है, प्रारब्ध पहले बना है, हर बच्चा अपना भाग्य लिखाकर लाता है। बताया प्रतिदिन सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक कथा आयोजित की जा रही है। शनिवार को श्री सुदामा चरित्र, सूची कथा, कथा विश्राम, व्यासपीठ पूजन, व्यासजी महाराज का पूजन, फूलों की होली उत्सव के साथ पूर्णाहुति महायज्ञ एवं महाप्रसादी का आयोजन होगा।चार तत्वों पर टिके हैं भागवत कथा के 18 हजार श्लोक
अगर ऐसा नहीं होता तो चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री नहीं बन पाता, मध्यप्रदेश की भूमि पर मोहन यादव मुख्यमंत्री नहीं होते। हम संपत्र हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम खुद में ही रहें। भारतवर्ष को हिंदू राष्ट्र घोषित करना है तो संख्या बल जरूरी है, शत प्रतिशत हिंदुओं को मतदान करना जरूरी है। भगवा ध्वज का झंडा गाड़ना है, आने वाली पीढ़ियों के लिए वोट समझकर मतदान करना चाहिए, राष्ट्र बचेगा तो देश बचेगा। मंदिर के महंत आदित्य पुरी (राजा भैया) ने एवं आयोजक गुलाब ठाकुर ने पितृदोष समाप्त कर मोक्ष प्रदान करने वाली श्रीमद्भागवत कथा में महामंडलेश्वर ने कहा पितृ भागवत कथा श्रवण से व्याधियां खत्म हो जाती हैं। पितृ दोष के कारण जो परेशान करती हैं उनका निवारण हो जाता है। श्रीमद्भागवत कथा ब्रह्मा ने नारद को दी, नारद ने वेदव्यास को दी। नारद ने 4 श्लोकों की भागवत वेद व्यास को प्रदान की थी। यह चार तत्व थे, जग तत्व, माया तत्व, ब्रह्म तत्व, आत्म तत्व। इन चार तत्वों पर पूरी श्रीमद्भागवत के 18 हजार श्लोक टिके हैं। महाराजश्री ने कहा कि 24 साल पहले मुझे भी लिखने को सौभाग्य मिला 860 पृष्ठ हाथ से लिखे गए हैं श्रीमद्भागवत के।
2024-09-21