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मध्यप्रदेश में इन दिनों सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6000 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर किसान सड़कों पर उतरे हुए हैं। वैसे तो यह आंदोलन पिछले 25 दिनों से चल रहा है, लेकिन इसका असर अब दिखाई देने लगा है। दो दिनों पूर्व तराना निकाली गई ट्रैक्टर रैली के बाद सोमवार दोपहर को शहर में भी एक ट्रैक्टर रैली निकाली गई, जिसमें सैकड़ों किसान शामिल हुए।

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उज्जैन समर्थन मूल्य की राशि बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर भारतीय भार किसान संघ, मालवा प्रांत की ओर से सोमवार को ट्रैक्टर रैली निकालते हुए कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया गया। रैली में अनुमान से ज्यादा ट्रैक्टर आने की वजह से रैली के दौरान शहर में 10 से ज्यादाजगह जाम लगने की स्थितियां बनीरैली को लेकर भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने पहले ही पुलिस व प्रशासन को सूचना देते हुए अनुमति प्राप्त कर ली थी। इसके आधार पर कई रास्तों पर ट्रैफिक डायवर्ट भी किया गया लेकिन रैली में ट्रैक्टर की संख्या अनुमान से करीब चार गुना ज्यादा हो गई। रैली में लगभग 2400 ट्रैक्टरों के साथ हजारों किसान शामिल हुए। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को भी इतने ज्यादा ट्रैक्टर आने का अनुमान नहीं था। रैली जैसे ही हरिफाटक ब्रिज से शुरू हुई तो जाम लगना शुरू हो गया। यहां इंदौर रोड की तरफ से आने वाले वाहनों की लंबी कतार लग गई, जिससे करीब डेढ़ घंटे तक वाहन सड़क पर रेंगते रहे। इसके बाद देवासगेट पर बसों और अन्य वाहनों के बीच में ट्रैक्टरों के आने से भी जाम लगा। चामुंडा माता चौराहा पर यातायात और पुलिस के अधिकारियों ने रैली को मंडी गेट, आगर रोड की तरफ नहीं ले जाते हुए फ्रीगंज ओवरब्रिज से कोठी पैलेस ले जाने को कहा लेकिन रैली में शामिल कुछ नेता अड़ गए। जिसके बाद रैली मंडी गेट की ओर आगे बढ़ गई। इस दौरान चामुंडा माता चौराहे पर भी जाम लग गया। मंडी गेट से जैसे ही रैली वापस चामुंडा माता चौराहे की तरफ मुड़ी तो सड़क के दोनों ओर ट्रैक्टर आ गए। इससे आगर रोड और उन्हेल रोड पर जाम लग गया।

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