*उद्योग स्थापना के लिए आवश्यक अनुमतियां सुविधाजनक रूप से दिए जाने के लिए कलेक्टर कार्यालय में बनेगा प्रकोष्ठ : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव*अनुमतियां शीघ्र प्रदान करने की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर की होगी*व्यापार व्यवसाय के विकास के लिए सुविधाओं का विस्तार निरंतर जारी रहेगा*मुख्यमंत्री डॉ यादव देवास में आयोजित अखिल भारतीय उद्योग सम्मेलन में शामिल हुए*

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उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। इस संकल्प को पूरा करने में मध्यप्रदेश अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापना के लिए आवश्यक अनुमतियां शीघ्र प्रदान करने के लिए कलेक्टर कार्यालय में एक पृथक प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। अनुमतियां शीघ्र प्रदान करने की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर की होगी। जिसकी प्रदेश स्तर से भी सतत मॉनिटरिंग की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ यादव गत दिवस देवास में लघु भारती द्वारा आयोजित अखिल भारतीय उद्योग सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव ने मध्यप्रदेश उद्योग दर्शन पुस्तिका का विमोचन भी किया। इस अवसर सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री चैतन्य काश्यप, सर कार्यवाह आरएसएस श्री कृष्ण गोपाल, देवास विधायक श्रीमती गायत्री राजे पवार, सोनकच्छ विधायक श्री राजेश सोनकर, खातेगांव विधायक श्री आशीष शर्मा, हाटपीपल्या विधायक श्री मनोज चौधरी, इंदौर महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, श्री समीर मूंदड़ा, श्री घनश्याम ओझा, श्री राजेश मिश्रा, श्री राजीव खंडेलवाल,श्री अजय गुप्ता,श्री खगेंद्र भार्गव,श्री महेंद्र सिंह भदौरिया ,सचिव एवं आयुक्त एमएसएमई श्री नवनीत मोहन कोठारी, सहित लघु भारती के पदाधिकारी सहित बढ़ी संख्या में उद्यमी उपस्थित रहें। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश क्षेत्रीय, भौगोलिक आदि सभी दृष्टि से औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल हैं। प्रदेश में बेहतर रोड और रेल कनेक्टिविटी के साथ पर्याप्त कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता हैं। मध्यप्रदेश में नवीन सरकार के गठन के पश्चात से ही निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए निरंतर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। उज्जैन और जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के सफल आयोजन के पश्चात अब ग्वालियर, सागर और रीवा में भी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी। 7 और 8 अगस्त को प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन के लिए बेंगलुरु में प्रमुख उद्योगपतियों के साथ इंटरेक्टिव सेशन भी आयोजित किया जा रहा है
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि रोजगार आधारित उद्योगों तथा अन्य उद्योगों के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों का विकास भी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। न केवल लघु उद्योग अपितु कुटीर उद्योग, हॉर्टिकल्चर आदि के भी व्यापार व्यवसाय का विकास निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की पारदर्शिता और शुचिता आदर्श है। औद्योगिक विकास के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था इसी का उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लघु भारती के पदाधिकारियों को अखिल भारतीय उद्योग सम्मेलन आयोजन के लिए बधाई दी। सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री चैतन्य कश्यप ने कहा कि एंप्लॉय इंडिया कि जगह एंटरप्रेन्योर इंडिया बनाना मध्यप्रदेश सरकार का लक्ष्य है। स्टार्ट अप्स आज छोटे छोटे शहरों तक पहुंचकर भारत की संस्कृति का प्रमुख हिस्सा बन चुका है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार स्टार्टअप्स के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। एमएसएमई सेक्टर में संपूर्ण परदर्शिता लाने के लिए सरकार जल्द ही एमएसएमई को दी जाने वाली सभी सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से सीधे एमएसएमई उद्योगों के खातों में पहुंचाएगी। एमएसएमई मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास निरंतर और सुचारू रूप से जारी है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश सरकार महिला उद्यमियों का उद्यमिता सम्मेलन 13 अगस्त को भोपाल में आयोजित करेगी। इस सम्मेलन के माध्यम से महिला उद्यमियों को बढ़ावा देकर महिला सशक्तिकरण एवं शहरी- ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए विशेष आरक्षित औद्योगिक क्षेत्रों का गठन किया जाएगा। सर सरकार्यवाह श्री कृष्ण गोपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 2 से 3 दशकों में लघु भारती अखिल भारतीय स्वरूप में सामने आई है। लघु भारती औद्योगिक विकास के लिए कार्य करने वाली प्रभावी संस्था है। उन्होंने कहा की उद्यमियों का उद्योग चलाकर प्रॉफिट कमाना उद्देश्य नहीं होना चाहिए। उद्योगों के संचालन में उत्पादन की गुणवत्ता,रोजगार सृजन के साथ प्रकृति और विश्व के हित को ध्यान में रखने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि उद्योग एक परिवार हैं, जिसमें श्रमिक और ग्राहक हमारे प्रमुख सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि हमारे संस्कारों और नैतिक मूल्यों को केंद्र में रखकर उद्योगों का संचालन करें। उन्होंने कहा कि औद्योगिक जगत को महिला शक्तियों ने अपने परिश्रम से नई दिशा प्रदान की है। आगामी तीन से चार माह में महिला शक्तियों के परिश्रम,उनके परिवार, स्वास्थ्य आदि पर विशेष अध्ययन किया जाएगा, अध्ययन में प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर महिलाओं के जीवन में आनंद और खुशहाली लाने के संकल्प को और अधिक गति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी उद्योगपति कम से कम पांच युवाओं को अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण दें। सरकार्यवाह श्री गोपाल ने कहा कि उद्योगों का हित, ग्राहकों और देश के हित में होना चाहिएं। उद्योगों से निकलने वालें केमिकल वेस्ट, ठोस अपशिष्ठ का प्रबंधन न करना और प्रकृति का निरंतर दोहन करना अमानवीय है। लगातार बढ़ते जलवायु परिवर्तन की समस्या पर उन्होंने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उद्यमी प्रकृति से कम से कम लेने और ज्यादा से ज्यादा देने की भावना से कार्य करें। उन्होंने सभी उद्यमियों से अपनी इकाइयों के आसपास पौधारोपण करने और उनके संरक्षण करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उद्योगपति सारे विश्व की मंगल कामना के उद्देश्य से कार्य करें।

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