उज्जैन किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार, किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार, जीना इसी का नाम है…।
सोमवार की शाम कालिदास अकादमी के संकुल हॉल में गुजरे दौर के इस सदाबहार गीत को सुनाते हुए मुंबई, इंदौर और उज्जैन के कलाकारों ने मुस्कुराहटों के साथ जीने का संदेश दिया। सोमवार शाम वॉइस ऑफ फ्रेंड्स क्लब की ओर से गुजरे कार्यक्रम में गीत सुनाते मुंबई, इंदौर और उज्जैन के कलाकार।दौर के सदाबहार गीतों पर आधारित जीना इसी का नाम है… संगीत संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुंबई के गायक एनआरआई प्रोफेसर शशांक भट्ट, इंदौर की डॉ. अल्पना आर्य, कनिष्का चारू, सतीश
केसवानी, कीर्ति निगम, उज्जैन की डॉ. कीर्ति देशपांडे, शैफाली चतुर्वेदी, दिनेश मरमट, गौरीशंकर दुबे सहित अन्य कलाकारों ने 30 से अधिक सदाबहार गीतों की प्रस्तुतियां दी। संचालन विविध भारती, इंदौर की एंकर मोना ठाकुर ने किया। कार्यक्रम की परिकल्पना एवं निर्देशन गौरीशंकर दुबे ने किया। कार्यक्रम में सुरैया, नूरजहां, लता मंगेशकर, मन्ना डे, हेमंत कुमार सहित कई ख्यात कलाकारों के सदाबहार नगमों की प्रस्तुतियां दी गई।
2024-06-25