14 फरवरी बसंत पंचमी 1926 को 15 वर्ष की आयु में परम पूज्य गुरुदेव वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी को उनके जन्म-जन्मानतर के गुरु श्री सर्वेश्वरानंद जी महाराज के दर्शन दीपक की लौ में हुए थे। उसी दिन उस दीपक को प्रज्वलित रखा गया है, जो अभी शांतिकुंज हरिद्वार में स्थापित है। इस प्रकार बसंत पंचमी को ही परम पूज्य गुरुदेव अपना आध्यात्मिक जन्मदिन मनाते रहे हैं। अब इसे बोध दिवस के रूप में सभी गायत्री परिजन मानते हैं। गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन पर इस पर्व पर दो दिवसीय आयोजन होंगे। 13 फरवरी को सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक अखंड गायत्री महामंत्र जाप होगा, शाम 6:30 बजे से दीप यज्ञ होगा।14 फरवरी को सुबह 8:00 बजे सजल श्रद्धा, प्रखर प्रज्ञा का विशेष पूजन अभिषेक होगा। 9:00 बजे से 12:00 बजे के बीच गायत्री यज्ञ, सरस्वती पूजन, मंत्र दीक्षा एवं अन्य संस्कार एवं पर्व संकल्प होगा। उपक्षोन समन्वयक एवं व्यवस्थापक गायत्री शक्तिपीठ श्री महेश आचार्य जी ने सभी श्रद्धालुओं से आयोजन में भागीदारी करने की अपील की है।
2024-02-12