उज्जैन के जंतर मंतर रोड स्थित शनि मंदिर के महंत बने अयोध्या के थानापति, संतों ने किया स्वागत

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उज्जैन | भगवान श्रीराम के धाम अयोध्या में एक ओर जहां भगवान श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ, वहीं उज्जैन के जंतर मंतर रोड स्थित शनि मंदिर के महंत शनि भारती महाराज को अयोध्या का थानापति बनाया गया।जूना अखाड़े के सभापति श्री महंत प्रेम गिरि महाराज ने अखाड़े के मुख्य संरक्षक एवं अभा अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज, आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरि महाराज, अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी कपिल पुरी जी महाराज, जूना अखाड़ा के सचिव श्री महंत महेश पुरी महाराज, शैलेंद्र गिरि महाराज, अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज सहित अन्य प्रमुख संतों की मौजूदगी में अवध दत्त मंदिर चरण पादुका अयोध्या में. पुकार की। जूना अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रामेश्वर गिरि महाराज ने बताया कि यह बड़े गर्व की बात है कि उज्जैन के किसी संत को जूना अखाड़ा ने अयोध्या में थानापति बनाया। महंत शनि भारती महाराज ने कहा कि अखाड़े ने जो दायित्व अयोध्या में सौंपा है, उसे वह पूरी मेहनत के साथ पूरा करेंगे। उज्जैन पहुंचने पर थानापति महंत शनि भारती महाराज का जूना अखाड़ा नीलगंगा पर श्रीमहंत देवगिरि महाराज, श्रीमहंत धनंजय गिरि महाराज, श्री महंत रामेश्वर गिरि महाराज, अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता डॉ गोविंद सोलंकी, डॉ. राहुल कटारिया, महंत साधना गिरि, महंत विधा भारती महाराज सहित अन्य संतों ने स्वागत किया।
राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा में भाग लेकर लौटे महामंडलेश्वर, बोले- हम सौभाग्यशाली
उज्जैन अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा में भाग लेने के बाद चारधाम मंदिर के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंद गिरि उज्जैन लौट आए हैं। प्राण-प्रतिष्ठा के संदर्भ में चर्चा के दौरान स्वामी जी ने बताया कि 22 जनवरी का दिन हम सनातन धर्मियों के लिए स्वर्णिम दिन है। 21 जनवरी तक वहां शीतलहर और काफी धुंध थी परंतु 22 जनवरी को मौसम साफ हो गया। धूप निकल आई, ऐसा लग रहा था सूर्य देव भी सूर्यकुल शिरोमणि के दर्शन को आतुर हों। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद श्रीराम के वात्सल्य स्वरुप को देख सभी भाव-विभोर हो गए। अनायास ही वहां मौजूद सभी की आंखें सजल हो गई। देश के सभी शीर्ष साधु-संत, उद्योगपति, फिल्म दुनिया और हमारे शीर्ष खिलाड़ियों, सभी की आंखें नम थी। खुशी के साथ पश्चाताप भी था कि हम सनातनी के बहुसंख्यक होने के बावजूद भी आक्रांताओं ने मंदिर तोड़ दिया था, जिसे बनाने में हमें पांच सौ वर्ष लग गए। हम भाग्यशाली हैं कि हमने आंदोलन में भाग लिया, जेल गए, लाठियां खाई, उस समय सत्ता पक्ष ने भाजपा के साधु होने की संज्ञा दी। हमारे कई शीर्ष संत राम मंदिर की अभिलाषा लिए ही इस धरती से विदा हो गए।

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