आनन्दमार्ग प्रचारक संघ, उज्जैन के द्वारा 3, 4 और 5 नवम्बर को महाकाल की नगरी उज्जैन के धाकड़ धर्मशाला में विशाल धार्मिक समागम को लेकर आचार्य दयाशिखरानंद अवधूत आचार्य अनिमेषानद अवधूत ने प्रेस क्लब तरण ताल पर जानकारी देते हुए बताया

Listen to this article

जनसम्पर्क सचिव आचार्य दयाशिखरानन्द अवधूत और धर्म महासम्मेलन आयोजन समिति के अध्यक्ष आचार्य प्रभु लाल लबाना ने प्रेसवार्ता में बतलाया कि आगामी 3, 4 और 5 नवम्बर को धाकड़ धर्मशाला, उज्जैन में आयोजित धर्म महासम्मेलन की तैयारी पूरी हो चुकी है। श्री श्री आनन्दमूर्ति के अनुसार सम्पूर्ण मानव जाति का धर्म एक है। धर्म-प्रचार और जन सेवा ही आनन्द मार्ग संगठन का एक मात्र उद्देश्य है। “अहम् ब्रह्म अस्मि” अर्थात “मैं ही ब्रह्म हूं की अनुभूति करने के लिए सद्गुरु की शरण में बैठ कर आध्यात्मिक साधना करना ही सनातन धर्म है। धर्म का बाहरी आडम्बर से कोई लेना-देना नहीं है आनन्द मार्ग दर्शन के अनुसार सन्यासियों की तरह गृहस्थ को भी साधना करके ब्रह्मानुभूति का अधिकार है, इसलिए प्रत्येक आनन्द मार्गी अपनी दिनचर्या से समय निकालकर सुबह-शाम साधना करता है। धर्म महासम्मेलन के दौरान संगठन के वरिष्ठ पुरोधा आचार्य वन्दनानन्द अवधूत श्रद्धालुओं के समक्ष भगवान सदाशिव के सन्देश, धर्म साधना और सामाजिक जीवन में धर्म की अनिवार्यता जैसे विषयों पर सारगर्भित प्रवचन देंगे। धर्म महासम्मेलन में मध्य प्रदेश विशेष कर इन्दौर, उज्जैन एवं मालवा क्षेत्र के आस-पास के मार्गीगण हजारों की संख्या में सम्मिलित होंगे। भारत के अन्य राज्यों के अतिरिक्त ब्राज़ील, क्रोशिया और थोरोप के मार्गियों के भी सम्मिलित होने की सम्भावना है।
आनन्द मार्ग संगठन दुनिया के लगभग 150 देशों में कार्यरत हैं। धर्म प्रचार के अतिरिक्त यह संगठन पूरी दुनिया में बाढ़, अकाल, भूकप, महामारी और युद्ध जैसी प्राकृतिक और मानव निर्मित विपदाओं के समय पीड़ित जनसमुदाय की सहायता और सेवा करता है। यू.एन.ओ. ने आनन्द मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम को एन.जी.ओ. का दर्जा प्रदान किया है।
3 नवम्बर की दोपहर 03:00 से शाम 05:00 तक आचार्य परमेश्वरानन्द अवधूत की अध्यक्षता में “रिनेसां यूनिवर्सल के तत्वावधान में एक विचार गोष्ठी होगी, जिसमे उज्जैन के प्रतिष्ठित समाज सेवी श्री योगेश भार्गव (चार्टर्ड एकाउंटेट, बैंगलोर के योग- साधना प्रशिक्षक आचार्य अनन्तराम भट, क्रोशिया योरोप के आचार्य विश्वोद्गतानन्द अवधूत और रायपुर के डॉक्टर सत्यजीत साहू “भगवान सदाशिव की शिक्षा और उसका सामाजिक महत्व पर अपने अपने विचार रखेंगे।
इसके अतिरिक्त प्रतिदिन रात्रि को आनन्द मार्ग स्कूल के छात्र-छात्राओं के द्वारा प्रभात संगीत पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाएंगे। 4 नवम्बर की शाम के समय नगर के प्रमुख सड़कों से मानव-मानव एक है, मानव का धर्म एक है. एक चूल्हा एक चौका, एक है मानव समाज: जात-पात की करो विदाई, मानव-मानव भाई-भाई, जैसे जयघोष के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी।

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे