श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ स्वामीनारायण आश्रम त्रिवेणी शनि मंदिर के पास में स्वामी विद्यानंद सरस्वती , पूर्णाहुति आज विषयों का त्याग हमें परमात्मा के निकट ले जाता है

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उज्जैन संसार के सारे विषयों का बुद्धि पूर्वक त्याग हमें परमात्मा के निकट ले जाता है। जिसने सारे विषयों की होली जलाई वही परमात्मा को प्राप्त कर सकता है। त्रिवेणी के समीप श्री स्वामीनारायण आश्रम में चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के आठवें दिन भागवत प्रवक्ता एवं श्री सद्गुरु धाम बरूमल गुजरात के पीठाधीश्वर स्वामी विद्यानंद सरस्वती महाराज ने भगवान श्री कृष्ण और गोपियों की रासलीला के प्रसंग के दौरान कही। स्वामी जी ने कहा कि रास पंचाध्याय श्रीमद्भागवत का प्राण है। रासलीला के संदर्भ में महाराजजी ने कहा कि त्रेता युग में ऋषियों की अभिलाषा की संपूर्ति के लिए द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने ऋषितुल्य गोपियों के साथ रासलीला की। जिसे उन्होंने काम विजय लीला के रूप में प्रतिपादित किया। गोपियों के संग श्री कृष्ण के विभिन्न प्रसंगों की तात्विक व्याख्या की गोपियों ने सारे विषयों की होली जलाकर परमात्मा को प्राप्त किया और वियोग में तो वे कृष्णमय हो गई। श्रीमद् भागव ज्ञान यज्ञ के आरंभ में मां के चेतन पुरुष की चर्चा करते हुए भूमिका रखी परीक्षित मधुसूदन श्रीवास्तव और श्यामसुंदर श्रीवास्तव ने महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद महाराज, महेशानंद महाराज और अनिल डागा का सम्मान किया। आरती में प्रदीप पांडे, महेश ज्ञानी, बद्रीलाल रावल मौजूद थे। स्वामीनारायण आश्रम में चल रही कथा का धर्मलाभ लेते श्रद्धालु। आज होगा श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ का समाप नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ का समापन गुरुवार को होगा। समापन के बाद स्वामी विद्यानंद सरस्वती महाराज नासिक

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