विद्वतजन संगोष्ठी में धार्मिक और मंदिरों के परिप्रेक्ष्य में विमर्श श्री अरविंद योग शक्ति पीठ, विमर्श मैं कई संतों ने के सानिध्य में आयोजित की गई

Listen to this article

उज्जैन | श्री अरविंद योग शक्ति पीठ, त्रिवेणी संगम पर मप्र जन अभियान परिषद तथा मप्र तीर्थ एवं मेला विकास प्राधिकरण के तत्वावधान में धार्मिक, सांस्कृतिक एवं मंदिरों के परिप्रेक्ष्य में विद्वतजन संगोष्ठी आयोजित की गई। अध्यक्षता करते हुए संत विद्यानंद सरस्वती महाराज ने कहा चतुर्वेद पारायण की ज्योतिर्लिंगीय परंपरा में अवंतिका नगर (उज्जैन) के विकास में वास्तु दोष निवारण स्वतः होगा, जिससे प्रत्येक व्यक्ति में वेद शिक्षा का समावेश होगा एवं नई पीढ़ी की जीवन के विविध क्षेत्रों में उत्तरोत्तर उन्नति होगी। संगोष्ठी में पौराणिक विरासत को आध्यात्मिकता के परिपालन को दृष्टिगत रखते हुए उल्लेखित विषयों पर विमर्श हुआ। विषय प्रवर्तन मप्र जन अभियान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय ने किया। विमर्श के विषय समरसता, उज्जैन का वास्तु, सिंहस्थ एवं मंदिर प्रबंधन थे। इस अवसर पर स्वामी जी ने सभी प्रबुद्धजन का आशीर्वचनों के साथ शाल-श्रीफल से सारस्वत सम्मान किया। वेदपाठी बटुकों ने स्वस्तिवाचन पाठ कर आयोजन का समापन किया। विमर्श में जगतगुरु कांताचार्य महाराज रामानुज संप्रदाय, महामंडलेश्वर विनीत गिरि निर्वाणी अखाड़ा, महामंडलेश्वर शैलेषानंद महाराज जूना अखाड़ा, बालयोगी उमेशनाथ महाराज वाल्मीकि धाम आश्रम, स्वामी असंगानंद महाराज, आनंद जीवनदास महाराज स्वामीनारायण आश्रम, मप्र तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण अध्यक्ष माखन सिंह चौहान, पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति विजय कुमार मेनन, पं. राजेंद्र शर्मा गुरुजी सदस्य महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति, वीरूपाक्ष जड्डीपाल सचिव श्री सांदीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान, डॉ. सदानंद त्रिपाठी संस्कृत महाविद्यालय, डॉ. तुलसीदास परोहा, उमेश शर्मा शामिल थे।

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे