उज्जैन | भागवत जीवन में तभी चरितार्थ होगी, जब जीवन में ज्ञान, वैराग्य और तप आएगा। तीर्थ क्षेत्र में भागवत श्रवण का बहुत महत्व है, लेकिन श्रवण में प्रबल निष्ठा होना चाहिए। त्रिवेणी के निकट फोन आना स्थित श्री स्वामीनारायण आश्रम में चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन श्री सतगुरु धाम बरुमल के पीठाधीश्वर एवं भागवत प्रवक्ता स्वामी विद्यानंद सरस्वती महाराज ने यह बात कही। स्वामीजी ने श्रीमद्भागवत के प्रथम स्कंध की व्याख्या करते हुए कहा कि भागवत वेद वाणी है लेकिन श्रीमद् भागवत ने किसी भी संप्रदाय विशेष के साथ कोई गठबंधन नहीं किया है। कथा से पहले श्री अरविंद योग सोसायटी के चेयरपर्सन विभाष उपाध्याय ने श्री मां की प्रार्थना का संदेश दिया। ज्ञान यज्ञ भजन प्रस्तुत करती मंत्री ठाकुर । के तीसरे दिन स्वामीजी के आशीर्वाद लेने प्रदेश की धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर उपस्थित थीं। उन्होंने एक भजन भी प्रस्तुत किया। कथा श्रवण के लिए आए निर्वाणी अखाड़े के विनीत गिरि महाराज, काशी दास महाराज कृष्णानंद सरस्वती का श्यामसुंदर श्रीवास्तव और मधुसूदन श्रीवास्तव ने सम्मान किया।
2023-07-22