भागवत ज्ञान यज्ञ के पहले त्रिवेणी शनि मंदिर से निकाली कलश यात्रा त्रिवेणी शनि मंदिर से निकाली कलश यात्रा में शामिल महिलाएं व अन्य।

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भागवत कथा के श्रवण से भक्ति, ज्ञान और विवेक जागृत होता है। प्राणी को मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। व्यास पीठ पर भागवत ज्ञान यज्ञ के प्रवक्ता सतगुरु धाम बरूमल के पीठाधीश्वर स्वामी विद्यानंद सरस्वती महाराज ने यह बात कही। उन्होंने कहा जीवन में गुरु की महत्ता को भी प्रतिपादित किया। कहा कि संतों की वाणी कड़वी हो सकती है लेकिन कालांतर में उसके परिणाम अच्छे आते हैं। स्वामी जी ने कहा कि ममत्व ही दुख का कारण है मोह और अहंकार की निवृत्ति में ही आनंद है। आरंभ में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय ने सम्मान उद्बोधन दिया। त्रिवेणी के पास स्वामीनारायण आश्रम पर होने वाले नौ दिवसीय व्यासपीठ से कथा सुनाते स्वामीजी। भागवत ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ भागवत कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा त्रिवेणी घाट स्थित शनि मंदिर से आरंभ होकर स्वामीनारायण आश्रम कथा स्थल पर पहुंची। कथा स्थल पर व्यासपीठ का पूजन स्वामीनारायण आश्रम के महंत आनंद जीवन दास महाराज, महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य राजेंद्र शर्मा गुरु, आनंदी लाल जोशी, आयोजक कोमल मधुसूदन श्रीवास्तव, स्नेहलता श्यामसुंदर श्रीवास्तव ने किया।

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