*बॉलीवुड नाम हटाने की जरूरत हैं, सिर्फ एक ही नाम भारतीय सिनेमा होना चाहिए*अभिनेता संजय मिश्रा ने उज्जैनी शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल के समापन के अवसर पर कहा, विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया*

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उज्जैन, 10 अप्रैल। उज्जैन शहर में आयोजित दो दिवसीय शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में सोमवार को समापन समारोह में शामिल हुए बॉलीवुड अभिनेता संजय मिश्रा ने कहा कि इस देश से अब बॉलीवुड नाम हटाने की जरूरत है। सिर्फ एक ही नाम भारतीय सिनेमा होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया।
उज्जैनी शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल के मीडिया प्रभारी डॉ. उदित्य सिंह सेंगर ने बताया कि विश्व संवाद केंद्र मालवा और उज्जै नी शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल समिति, उज्जैन के संयुक्त तत्व धा न में आयोजित मध्य भारत के सबसे बड़े शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल का समापन सोमवार को काली दास अकादमी में हुआ। इस दौरान अभिनेता संजय मिश्रा मुख्य रूप से शामिल हुए। उन्होंने चर्चा सत्र में भारतीय सिनेमा में भारतीयता के सवाल पर कहा कि हमे सबसे पहले इस देश से बॉलीवुड नाम हटाने की जरूरत हैं। सिर्फ एक ही नाम भारतीय सिनेमा होना चाहिए। उन्होंने कहा अभी हाल ही में जिन दो फ़िल्मों ऑस्कर अवार्ड मिला है वह कोई बॉलीवुड की या टोलीवुड की नहीं है। भारत की और भारतीय सिनेमा की है। इस अवसर पर उन्होंने दर्शको से बातचीत भी की और युवाओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा फिल्मी सितारे बनने से पहले संस्कारी बनो। इस दौरान फिल्म जगत के बड़े नाम भी शामिल हुए। चर्चा सत्र के उपरांत अभिनेता संजय मिश्रा द्वारा शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल की विजेता प्रतिभागियों को पुरुस्कार भी प्रदान किए।
*दूसरे दिन 25 फ़िल्मों की हुई स्क्रीनिंग*
आयोजन समिति के सह संयोजक दिलीप पिरयानी ने बताया शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन सोमवार को कालीदास अकादमी के संकुल हॉल में सुबह 9 बजे से फ़िल्मों का प्रदर्शन शुरू हुआ। तीन सत्र में कुल 25 फ़िल्मों की स्क्रीनिंग हुई। जिसमें एक रंग प्यार का ऐसा भी, सुश्रुत ऑफ मॉडर्न इंडिया, चितरंजन, शालीवाहन, स्कूटर, ये गांव मेरा, ऑन द स्पॉट, फैक आईडी, ब्यूटीफूल हैंड, गार्गी, जनसंख्या, पापा भी तो, प्रभु मिलन, रामदीन, पहचान, राइडर ऑन स्टॉर्म, शिव गंगा, जिंदगी, चाह, डार, इंटरव्यू, नायका, सर्वेशिक्षण, काल भैरव शामिल रही। फिल्म फेस्टिवल में कुल 220 फ़िल्में आई थी। लेकिन दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल में
ज्यूरी द्वारा चयनित कुल 45 फ़िल्मों की स्क्रीनिंग हुई। पहले दिन 20 फ़िल्में दिखाई गई थी।
*शॉर्ट फिल्म ‘प्रभु मिलन’ ने दर्शकों को खूब हंसाया, ‘पापा भी तो’ ने बटोरी तालियां*
फिल्म स्क्रीनिंग के दूसरे सत्र में शॉर्ट फिल्म प्रभु मिलन ने दर्शकों को खूब हंसाया। इसी तरह एक मिनट की शॉर्ट फिल्म ‘पापा भी तो’ ने भी खूब तालियां बटोरी। इस दौरान लघु फिल्म ‘जनसंख्या’ ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को दर्शाया।
*सिनेमा साधना है, लेकिन फिल्म मेकर ने इसे कमर्शियल समझा*
शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन आयोजित पहले चर्चा सत्र में निर्माता और निर्देशक विनोद तिवारी ने भारतीय फ़िल्मों में भारतीयता के अवमूल्यन पर कहा कि बॉलीवुड में फिल्म मेकर को भारतीय संस्कृति सीखाने वाला कोई नहीं मिला। इसलिए अभी तक फ़िल्में सिर्फ मनोरंजन के लिए ही बनाई जाती रही है। बॉलीवुड में फिल्म मेकर को सिर्फ मसाला दिखाई देता है। लेकिन साउथ फिल्म इंडस्ट्री के लोग अपने कल्चर को नहीं छोड़ते। उन्होंने कहा कि सिनेमा में सच्चाई को दिखाने की हिम्मत होती है। लेकिन जब तक आप को समर्थन नहीं मिलता तो उम्मीद टूट जाती है। सिनेमा साधना है। लेकिन फिल्म मेकर ने इसे साधना नहीं कमर्शियल समझा। फिल्म राइटर राजन अग्रवाल ने स्क्रिप्ट राइटिंग के टिप्स बताते हुए कहा कि कॉमेडी फिल्म लेखन चुनौतीपूर्ण कार्य है। य़ह बात लोगों को समझना चाहिए। लेकिन आज स्क्रिप्ट पर कोई मेहनत नहीं करना चाहता। स्क्रिप्ट अच्छी नहीं तो कितना भी अच्छा शूट कर लो फिल्म नहीं चलेगी। संगीतकार माणिक बत्रा ने कहा कि संगीत फिल्म का सपोर्टिंग केरेक्टर होता है। दूसरे चर्चा सत्र में फिल्म और टेलीविजन अभिनेता मुकेश भट्ट और अभिनेता और निर्देशक कंचन कुमार घोष ने भी अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर अभिनेता सुनील शर्मा भी उपस्थित हुए। तीसरे चर्चा सत्र में अभिनेता सिद्धार्थ भारद्वाज ने प्रतिभागियों को एक्टिंग और फिल्म निर्माण के गुरु सीखए। इस दौरान अभिनेता चेतन शर्मा और आकश दीपक अरोरा भी उपस्थित हुए।
*नॉन फिक्शन केटेगरी में ‘पुष्प की अभिलाषा’ और फिक्शन में ‘रेडियो’ ने जीता पहला अवार्ड*
आयोजन समिति के संयोजक राकेश शर्मा के अनुसार उज्जैनी शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में नॉन फिक्शन केटेगरी में राहुल खादिया द्वारा निर्देशित शॉर्ट फिल्म ‘पुष्प की अभिलाषा’ ने पहला अवार्ड जीता। इसी केटेगरी में दूसरा अवार्ड आयुष शर्मा द्वारा निर्देशित शॉर्ट फिल्म ‘शिवगंगा’ और उज्जैन के शुभम केवलिया द्वारा निर्देशित ‘रूइंस ऑफ महाकाल’ शॉर्ट फिल्म ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त फिक्शन केटेगरी में मुस्कान अस्थाना द्वारा निर्देशित शॉर्ट फिल्म ‘रेडियो’ ने पहला अवार्ड जीता। हँसराज द्वारा निर्देशित फिल्म ‘चाह’ ने दूसरा और स्वतंत्र जैन द्वारा निर्देशित शॉर्ट फिल्म ‘ स्कूटर’ ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
*मुस्कान अस्थाना ने जीता बेस्ट डायरेक्टर का खिताब*
आयोजन समिति के संयोजक राकेश शर्मा के अनुसार शॉर्ट फिल्म रेडियो की निर्देशक मुस्कान अस्थाना ने बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड जीता। फिल्म चाह के लिए बेस्ट मेल एक्टर का अवार्ड सुनील बैरवा ने, ऑन द स्पॉट फिल्म के लिए बेस्ट फीमेल एक्टर का अवार्ड अमृता पाल ने जीता। इसके अलावा बेस्ट सिनेमेटोग्राफी का अवार्ड फिल्म कालभैरव के लिए राज कुमार केसवानी और शुभम मरमट को मिला।

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