उज्जैन: अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी के मुखारविंद से विक्रमादित्य शिव महापुराण कथा का मंगलवार से बड़नगर रोड उज्जैन पर प्रारंभ हुई। बड़ी संख्या में श्रृद्धालु कथा श्रवण के लिए कथा स्थल पर पहुंचे। पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी ने कथा के दौरान कहां कि आज श्री शिवय नमस्तुभ्यं से पूरी उज्जैन नगरी गूंज रही है।
मुरलीपुरा स्थित सात दिवसीय विक्रमादित्य शिव महापुराण के प्रथम दिन पंडित प्रदीप मिश्रा के श्री मुख से विक्रमादित्य शिव महापुराण कथा का श्रवण उपस्थित जन समुदाय ने किया। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा में कहा कि अवंतिका नगरी का सौभाग्य है कि शिव महापुराण कथा का आयोजन विट्ठलेश सेवा समिति के माध्यम से किया जा रहा है। कोरोना महामारी के पश्चात् अवंतिका नगरी में भगवान महाकाल राजा की कृपा से आपको जीवनदान प्राप्त हुआ है जिसके फलस्वरूप आज श्री शिव शिवाय नमस्तुभ्यं जप पूरी नगरी में गूंज रहा है आज आपके लिए सेवा का मौका है। पंडित श्री मिश्रा ने कथा में कहा कि भाग्य लिखने का कार्य ब्रह्माजी ने किया है और भाग्य बदलने का कार्य मेरे महाकाल करते हैं।
पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी द्वारा महापौर श्री मुकेश टटवाल को विशेष धन्यवाद देते हुए कहां कि विगत 2 दिन पूर्व जब श्रद्धालुओं का आगमन पूरे पंडाल में हुआ तब महापौर एवं विट्ठलेश सेवा समिति के सदस्यों द्वारा यहां की स्थित मेरे समक्ष रखी, बाबा महाकाल साक्षी है ज्यों ज्यों पंडाल बड़ते गए श्रृद्धालुआके की संख्या भी बढ़ती गई। यह कथा अवंतिका नगरी में नया इतिहास रचेगी पंडित मिश्रा ने अपनी कथा में शिवलिंग के ऊपर जल चढ़ाने का महत्व एवं उसे विधिपूर्वक पीने का महत्व बताया आपने बताया कि जिस व्यक्ति ने शिव को जान लिया उसे संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान हो जाता है आपने न्याय प्रिय विक्रमादित्य भक्त वैभव शाली के जीवन का वृतांत बताया पशुपति व्रत, रुद्राक्ष का जल, हरतालिका तीज आदि के महत्व को कथा का वृतांत में बताया कथा में अवंतिका नगरी के लिए संदेश में कहा कि आयोजक बाबा महाकाल है एवं उज्जैन अवंतिका नगरी की प्रजा।
कथा के प्रमुख जिजमानो द्वारा आरती की गई इस अवसर पर विट्ठलेष सेवा समिति के नगर प्रमुख महापौर श्री मुकेश टटवाल, अध्यक्ष श्री प्रकाश शर्मा, कोषाध्यक्ष श्री अनिल जैन कालूखेड़ा, श्री जगदीश अग्रवाल, श्री राजेंद्र भारती, एमआईसी सदस्य डॉ. योगेश्वरी राठौर, श्री दिलीप परमार, श्री जगदीश पांचाल, श्री दिलीप गुरू आदि मौजूद थे।
2023-04-04