उज्जैन विक्रमोतसव शिप्रा के तट पर उज्जैनी गौरव दिवस नव संवत्सर कैलेंडर विक्रम पंचांग का विमोचन किया गया शानू ने गाया प्रथम शुरुआत में जय श्री महाकाल के गाने से की गई

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वर्ष प्रतिपदा और उज्जयिनी गौरव दिवस पर बुधवार की रात शिप्रा के किनारे रोशनी से जगमग हो उठे। शिप्रा नदी के दोनों किनारों पर जमा हुए हजारों लोग इस पल के साक्षी बने। विक्रमोत्सव 2023 के अंतर्गत हुए इस मुख्य समारोह में ख्यात गायक शान ने अपने दल के साथ सांगीतिक प्रस्तुति के माध्यम से समा बांध दिया। साथ ही कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कह उठे कि अवंतिका तीन से न्यारी, कितनी प्यारी नगरी है। इस अद्भुत नगरी में सबकुछ अलौकिक है। भारत उत्कर्ष, नव जागरण और वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2023 का मुख्य समारोह बुधवार रात शिप्रा तट स्थित दत्त अखाड़ा रामघाट पर हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री चौहान शामिल हुए। प्रमुख अतिथि संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर थीं। अध्यक्षता उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, बहादुरसिंह चौहान, महापौर मुकेश टटवाल, निगम सभापति कलावती यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में रंगारंग आतिशबाजी हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने दीप प्रज्वलित कर गौरव दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। गौरव दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों ने नव संवत्सर के कैलेंडर व विक्रम पंचाग के साथ ही सम्राट विक्रमादित्य और अयोध्या, सामाजिक, आर्थिक विकास और करना संस्कृति का पारंपरिक संबंध, जल संस्कृति मप्र की गौरवशाली जल परंपराएं नामक पुस्तकों का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने पांच गायकों शंकर महादेवन, अरिजीत सिंह, शान, सोनू निगम एवं कैलाश खेर द्वारा गाये गए उज्जैन के महाकाल लोक पर आधारित खेर द्वारा गाये गए उज्जैन के महाकाल लोक पर आधारित महाकाल के गीत को भी लॉन्च किया। विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक डॉ. श्रीराम तिवारी ने विक्रमादित्य सोमपीठ के कामों की जानकारी दी। महाकाल के जयघोष के साथ शान ने शुरू की गीतों की प्रस्तुति, 25 से ज्यादा गीत सुनाए कार्यक्रम में ख्यात गायक शान ने अपने दल के साथ करीब डेढ़ घंटे की सांगीतिक प्रस्तुति में 25 से ज्यादा गीत सुनाए। शान ने जय श्रीमहाकाल के जयघोष और ऊं नमः शिवाय, शंकराय नमो नमः से प्रस्तुति की शुरुआत की। साथ ही महाकाल लोक पर आधारित महाकाल गीत जय श्री महाकाल, जय जय श्री महाकाल की कुछ पंक्तियां सुनाई। साथ ही मध्यप्रदेश गीत की लाइव प्रस्तुति दी। इसके साथ ही उन्होंने देवा देवा ओ देवा देवा… चार कदम बस चार कदम चल दो ना साथ मेरे …. तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ जब से तेरे नैना मेरे नैनों से… वो पहली बार जब हम मिले…. हम जो चलने लगे हैं, चलने लगे हैं ये रास्ते…. कुछ तो हुआ है, कुछ हो गया है…. चांद सिफारिश जो” करता… तन्हा दिल तन्हा सफर सहित अन्य गीत सुनाए तो नदी के दोनों किनारों पर बैठे श्रोता भी खुद को नृत्य करने से नहीं रोक पाए।

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