पंचमुखार बिंद श्रृंगऱ पांच मुखारबिंद धारण करवाये, श्रद्धालु पञ्चानन स्वरूप में भगवान के दर्शन कार धन्य हुए

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वर्ष में एक बार महाशिवरात्रि के पश्चात बाबा श्री महाकाल का पाँच रूपों मे श्रृंगार किया जाता है. संध्या पूजन दोपहर तीन बजे के बाद किया जाकर पुजारी गण ने भगवान को
मनमहेश
उमापति
शिव-तांडव
होल्कर एवम
छबीना के
पांच मुखारबिंद धारण करवाये,
श्रद्धालु पञ्चानन स्वरूप में भगवान के दर्शन कर धन्य हुए.

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