आज प्रातःकाल पूजारी घनश्याम गुरुजी के आचार्यत्व में कोटेश्वर व रामेश्वर महादेव मंदिर में शिवपंचमी की पूजा व गर्भगृह में 9.30 से 11.00 बजे तक
11 ब्राह्मणों ने एकादाशिनी रुद्रपाठ किया. दोपहर भोग आरती के पश्चात तीन बजे तक संध्या पूजन करने के पश्चात भगवान का विशेष श्रृंगार किया गया व वस्त्र धारण कराए गए. प्रथम दिवस जलाधारी पर हल्दी अर्पित कर चंदन – भाँग से श्रृंगार किया गया .
आज द्वितीय दिवस भगवान का वासुकी नाग के रूप में श्रृंगार किया जावेगा.
आज से ही वर्ष 1909 से चली आ रही परम्परा के क्रम में प. रमेश कानड़कर का नौ दिवसीय नारदीय संकीर्तन प्रारंभ हुआ. प. कानड़कर ने बताया कि प्रथम दिवस भगवान शिव के महाभक्त कबीरदास जी द्वारा पीतांबर बनाये जाना, भगवान दवेसर उसे ले जाना व भगवान की भक्ति मद सुध-बुध खोकर सब कुछ भूल जाने का वृतांत कथा में वर्णित किया गया. सहा. प्रशा. अधिकारी आर. के. तिवारी ने प. कांनड़कर जी का सम्मान कर बाबा महाकाल का प्रसाद प्रदान किया.
2023-02-10