शोधार्थी वर्ष में अपना एक शोध पत्र हिंदी में अवश्य लिखें- कुलपति प्रो पांडेय संमंत्रणा- 2023 में कुलपति प्रो पांडेय ने दिया विशिष्ट व्याख्यान

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श्री वैष्णव विद्यापीठ इंदौर एवं संत क्लाउड विश्वविद्यालय अमेरिका के सयुक्त तत्वावधान में आयोजित संमंत्रणा- 2023 के मुख्य अतिथि के रूप में अपने व्याख्यान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने शोधार्थियों से अपना न्यूनतम एक शोध पात्र हिंदी में प्रकाशित करने की अपील की।
श्री वैष्णव विद्यापीठ इंदौर एवं संत क्लाउड विश्वविद्यालय, अमेरिका के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित संमंत्रणा- 2023 में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। इस संमंत्रणा का मुख्य उदेश्य शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के तरीके खोजना था। अपने वक्तव्य में माननीय कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए उसे प्रायोगिक तरीकों से जोड़ना आवश्यक है। अपनी बात को बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि शोध में वास्तविकता होनी चाहिए एवं शोध के लिए शोधार्थी को दृढ़संकल्पित होना चाहिए। साथ ही किसी भी शोधार्थी को कोई भी नया शोध करते ही उसके प्रकाशन पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। उन्होंने अपनी वक्तव्य में यह भी कहा कि हर शोधार्थी को वर्ष में कम से कम एक शोध पत्र हिंदी में अवश्य प्रकाशित करवाना चाहिए और अपने द्वारा किये गए सबसे उच्च कोटि के शोध को भारत में प्रकाशित होने वाली शोध पत्रिका में ही प्रकाशित करवाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा विक्रम विश्वविद्यालय इस राह पर तेजी से अग्रसर है और विक्रम के शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा अनेक स्टार्ट-अप प्रारम्भ किये गए एवं कई पेटेंट भी प्राप्त किये गए हैं। यह जानकारी विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने दी।

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