17 वर्ष का इंतजार खत्म, अब मिलेगा शहीद गजेंद्र राव सुर्वे के परिवार को आशियाना*शहीद गजेंद्र राव सुर्वे के परिवार को मिलेगा आशियाना, शहादत दिवस की दिन होगा घर का भूमिपूजनशहीद के परिवार के आत्मसम्मान का भूमिपूजन*सालों से किराए के मकान में रहने को मजबूर था शहीद का परिवार, अब मिलेगा सपनों का घर

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उज्जैन। जिले के शहीद गजेंद्र राव सुर्वे के परिवार
का 17 वर्ष का लंबा इंतजार खत्म होने वाला है, उनके वीर सपूत के शहादत दिवस यानी 2 फरवरी के दिन उनके सपनों के घर का भूमि पूजन संपन्न हुआ। यह काम कोई शासन-प्रशासन नहीं बल्कि देश के लिए बलिदानियों का अपना भगवान मानने वाले शहीद समरसता मिशन के युवा करने जा रहे है।
देशभक्ति की यह अनूठी पहल पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है. वहीं बेटे की शहादत के सालों बीत जाने, शासन-प्रशासन के तमाम आश्वासनों और वायदों से निराश हो चुके शहीद गजेंद्र सुर्वे के बूढ़े माता-पिता के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है।
शहीद की वीर माता ने बताया कि – “बेटे की शहादत के बाद शासन-प्रशासन से कई वायदें तो किए गए लेकिन कोई सहायता नहीं मिली. हमारे पास जमीन तो थी लेकिन इतने पैसे नहीं कि घर बना सकें! शहीद समरसता मिशन के मोहन भईया की मदद से हमारे मकान का काम आज शुरु हो रहा है, हमें प्रसन्नता है देश ने कोई तो है जो शहीद परिवारों का अपना परिवार मान कार्य कर रहा है।”
आपको बता दें शहीद गजेंद्र सुर्वे 2 फरवरी, 2006 को लद्दाख में वीरगति को प्राप्त हुए थे. उनकी शहादत के बाद से ही परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था. इसकी जानकारी जब शहीद समरसता मिशन को मिली तो वह शहीद के परिवार की मदद को अपना कर्तव्य समझते हुए आगे आया और भवन निर्माण के लिए अभियान शुरु किया है. जिसमें बीते दिनों कालिदास अकादमी मैदान में हजारों युवाओं के बीच शौर्यांजलि समारोह में लगभग 10 लाख रुपए के सामाजिक सहयोग की घोषणा हो चुकी है।
मिशन के उज्जैन समन्वयक प्रकाश माली ने बताया कि – “जिन परिवार ने अपने घर का चिराग, इस देश को रोशन करने के लिए न्योछावर कर दिया हो! उस परिवार को कोई कुछ क्या दे सकता है.. हमने मिशन ने संस्थापक मोहन नारायण जी के मार्गदर्शन में शहीद के परिवार के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए “वन चेक वन साइन फॉर शहीद” अभियान शुरु किया है। जिससे एकत्रित सम्मान राशि से शहीद गजेंद्र राव सुर्वे के परिवार के लिए 15 लाख रुपए की लागत से सर्वसुविधायुक्त भवन का निर्माण पूरा कराया जाएगा, साथ ही गृहप्रवेश के साथ 5 लाख की सम्मान राशि भी भेंट की जायेगी. इस पूरे अभियान में लगभग 20 लाख रुपए की सम्मान राशि एकत्र की जायेगी। यह वीरभूमि पूजन 2 फरवरी को उनके बलिदान दिवस पर किया जाएगा और 15 अगस्त तक इस भवन को पूर्ण कर शहीद के परिवार का ससम्मान गृहप्रवेश कराया जाएगा।”

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