सुमनभाई ने संन्यास ग्रहण किया, कहलाएंगे सुमनानंद गिरि महाराज, पट्टाभिषेक आज रविवार को श्रीश्री 1008 की पदवी दी गई।

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उज्जैन श्री मौन तीर्थ पीठ गंगा घाट के पीठाधीश्वर व श्रीरामकथा के अनुगायक संतश्री डॉ. सुमनभाई मानस भूषण ने शनिवार को दत्त अखाड़ा घाट पर श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा से संन्यास ग्रहण लिया। घाट पर संन्यास दीक्षा अखाड़ा आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरिजी ने दी। दीक्षा के बाद उन्हें सुमनानंद गिरि के रूप में नामकरण करते हुए श्रीश्री 1008 की पदवी दी गई। उनका पट्टाभिषेक समारोह रविवार को मौन तीर्थ पर होगा। अखाड़ा के श्री महंत रवींद्रपुरीजी महाराज व रामरतन गिरिजी महाराज ने बताया कि वानप्रस्थ आश्रम से संतश्री डॉ. सुमनभाई ने संन्यास की दीक्षा ग्रहण की। वे अब श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी सुमनानंद गिरिजी महाराज के रूप में दत्त अखाड़ा घाट पर यज्ञ में आहुति देते सुमनानंदजी जाने जाएंगे। उनका पट्टाभिषेक समारोह रविवार को मौन तीर्थ पर सुबह 11 बजे होगा। इससे पूर्व गंगा घाट से एक शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें बंगाली महिलाएं शंख ध्वनि के साथ शामिल होंगी। शोभायात्रा मौन तीर्थ जाएगी। यहां सात नदियों के जल से स्वामी सुमनानंद गिरि का अभिषेक किया जाएगा। पट्टाभिषेक समारोह में सनातनी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। उनके दीक्षा के दौरान दत्त अखाड़ा घाट पर अभा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी रवींद्र पुरीजी महाराज, निरंजनी अखाड़ा के सचिव स्वामी रामरतन गिरिजी महाराज सहित संत-संन्यासी समाजजन उपस्थित थे।

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