सहिबजादों की महान शहादत को समर्पित नाट्य मंचन 26 की शाम शहीद पार्क पर । सुबह गौरव रैली और रात्रि को ‘कैंडल मार्च’ का आयोजन जानकारी देते हुए सिख समाज के संरक्षक स इकबालसिंह गांधी और अध्यक्ष स. सुरेन्द्र सिंह अरोरा ने गुरूद्वारा सुखसागर, फीगंज में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया

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उज्जैन सिख समाज और विद्याभारती के संयुक्त तत्वावधान में ‘वीर बाल दिवस’ 26 दिसंबर, सोमवार को नगर में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत नाटय मंचन और गौरव रैली प्रमुख है। कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए सिख समाज के संरक्षक स इकबालसिंह गांधी और अध्यक्ष स. सुरेन्द्र सिंह अरोरा ने गुरूद्वारा सुखसागर, फीगंज में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि सिख धर्म के दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंदसिंह को सर्वंशदानी कहा गया है, उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने पूरे वंश का बलिदान दिया था। उनके माता पिता के अलावा चार पुत्रों – ने भी शहादत दी थी। साहिबजादों की स्मृति को नमन करने के लिए 26 दिसंबर को केन्द्र सरकार द्वारा ‘वीर बाल दिवस’ घोषित किया गया है जिसके तहत उज्जैन में गौरव रैली और नाट्य मंचन आदि का आयोजन किया जा रहा है। श्री अरोरा ने बताया कि 26 दिसंबर सुबह 9 बजे गुरूद्वारा फ्रीगंज से गौरव रैली का शुभारंभ होगा, जो शहीद पार्क टावर चामुंडा माता चौराहा मालीपुरा फुवारा चौक नई सड़क तेलीवाला चौराहा बुधवारिया चौराहे होती हुई नगर के विभिन्न मार्गों से होकर गुरूद्वारा माता गुजरी जी, गीता कालोनी, बुधवारिया में समाप्त होगी। रैली में बड़ी संख्या में समाज के युवा महिलाएं और पुरूष शामिल होकर साहिबजादों के शौर्य और शहादत को नमन करेंगे। श्री गांधी ने बताया कि शाम 6 बजे शहीदपार्क पर श्री गुरू तेगबहादुर से चार साहिबजादों की शहादत गाथा पर केन्द्रित नाटक ‘चांदनी चौक से सरहिंद तक का लाईट एंड साउंड आधारित मंचन होगा। यह प्रस्तुति पंजाबी रंगमंच, पटियाला की है, जिसमें 24 से अधिककलाकार भाग लेंगे । नाट्य मंचन के बाद शहीद पार्क से समाजजनों द्वारा एक विशाल कैंडल मार्च निकाला जाएगा जो गुरूद्वारा सुखसागर, फीगंज पर समाप्त होगा। श्री गांधी ने अधिक से अधिक संख्या में नागरिकों से कार्यक्रम में भाग लेकर सिख धर्म की शहादत की महान परम्परा से रूबरू होने की अपील की हैं। प्रेसवार्ता में विभिन्न गुरूद्वारा अध्यक्ष, खत्री अरोड़ वंशीय समाज के पदाधिकारियों सहित वरिष्ठ समाज जन मौजूद थे।

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