चांदी की पालकी में भक्तों को दर्शन देने निकले कालभैरव, सिद्धवट पर अभिषेक बाबा को सिंधिया पगड़ी पहनाई, कलेक्टर व एसपी ने मंदिर में पूजन-अर्चन किया

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उज्जैन भैरव अष्टमी पर्व के अवसर पर गुरुवार को भैरवगढ़ में कालभैरव की सवारी निकाली गई। इसके पहले कालभैरव को परंपरानुसार सिंधिया पगड़ी पहनाई गई। कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सत्येंद्र शुक्ल ने मंदिर प्रांगण में पालकी का पूजन-अर्चन किया। पूजन कालभैरव मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित धर्मेंद्र सदाशिव चतुर्वेदी ने मंत्रोच्चार से करवाया। इसके बाद चांदी की पालकी में सवार होकर भगवान भैरवनाथ भक्तों को दर्शन देने के लिए सवारी के रूप में नगर भ्रमण पर निकले। शाम 4 बजे सवारी कालभैरव मंदिर से शुरू हुई। ध्वज, अखाड़े व झांकियां हुई शामिल: सवारी में ढोल, बैंड, बग्घी, घोड़े, ध्वज, अखाड़े व झांकियां बाबा की पालकी शामिल थी। मार्ग में भैरवगढ़ में निकली कालभैरव की सवारी में शामिल श्रद्धालु। भक्तों ने भैरव बाबा का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। केंद्रीय जेल के बाहर जेल अधीक्षक उषा राज ने परंपरानुसार पूजन किया। यहां से सवारी नया बाजार, भैरवगढ़ नाका, माणक चौक, महेंद्र मार्ग होकर सिद्धवट घाट पहुंची, जहां पर शिप्रा का पूजन किया। इसके पश्चात भगवान श्री सिद्धनाथ का पूजन व आरती की गई। यहां से सवारी पुनः ब्रजपुरा होकर रात को कालभैरव मंदिर पहुंची। मंदिर में आरती कर प्रसादी वितरण किया। गया। साथ ही दो दिनी जन्मोत्सव का समापन किया। 400 किलो फूलों से सजाया मंदिर, रात में 56 भोग लगाए भैरव अष्टमी के अंतर्गत कालभैरव मंदिर को 400 किलो फूलों से सजाया गया था। गुरुवार मध्य रात्रि को 56 भोग लगाकर महाआरती की गई। दो दिनी उत्सव के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे।

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