छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री उईके के मुख्य आतिथ्य में सप्तदिवसीय अ.भा.कालिदास समारोह का समापन हुआ

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उज्जैन 10 नवम्बर। गुरूवार को कालिदास संस्कृत अकादमी के पं.सूर्यनारायण व्यास संकुल सभागृह में छत्तीसगढ़ राज्य की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके के मुख्य आतिथ्य में सप्तदिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह-2022 का समापन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि रामानुजकोट के पीठाधीश्वर स्वामी रंगनाथाचार्यजी महाराज थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति मंत्री मध्य प्रदेश शासन सुश्री उषा ठाकुर और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने की। इस अवसर पर सांसद श्री अनिल फिरोजिया, उज्जैन उत्तर विधायक श्री पारस जैन, महिदपुर विधायक श्री बहादुरसिंह चौहान, महापौर श्री मुकेश टटवाल एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
समापन समारोह में शामिल होने के पूर्व छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री उईके के द्वारा महाकवि कालिदास की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। साथ ही कालिदास की कृति विक्रमोर्वशीयम से अनुप्राणित चित्र एवं मूर्ति कलाकृतियों की राष्ट्रीय प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया।
समापन समारोह में अतिथियों द्वारा महाकवि कालिदास और पं.सूर्यनारायण व्यास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर और पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया। इसके पश्चात शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थी और स्टाफ द्वारा मंगलाचरण और मध्य प्रदेश गान का गायन किया गया। कालिदास संस्कृत अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉ.संतोष पण्ड्या ने कालिदास समारोह-2022 के अन्तर्गत आयोजित किये गये विभिन्न कार्यक्रमों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि स्वामी रंगनाथाचार्यजी महाराज ने कहा कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह में महाकवि कालिदास की रचनाओं पर आधारित जो सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, वे वास्तव में प्रशंसनीय है। महाकवि कालिदास ने भारतीय संस्कृति की रक्षा काव्य के माध्यम से प्रस्तुत की है। भारतीय संस्कृति की सुन्दर सनातन व्यवस्था का पालन वर्तमान समय में बहुत आवश्यक है। महाकवि कालिदास की रचनाओं को पढ़कर हम सभी भारतीय संस्कृति के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानें और इसका संरक्षण करें। जीवों पर दया करें। उन्होंने कहा कि कालिदास की रचनाओं में मानव जीवन जीने की सुन्दर प्रणाली है।
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके ने कहा कि श्री महाकाल महालोक के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान उनका आगमन हुआ था। तब संस्कृति मंत्री द्वारा उन्हें अखिल भारतीय कालिदास समारोह में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया गया था। भगवान महाकाल की इस पावन नगरी में अखिल भारतीय कालिदास समारोह का उद्घाटन और समापन राज्यपाल के द्वारा हुआ।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री के अन्दर आध्यात्म और राष्ट्रीयता की भावना है। अखिल भारतीय कालिदास समारोह के सफल आयोजन के लिये उन्होंने मध्य प्रदेश शासन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि महाकवि कालिदास की रचनाओं में सामाजिक सन्देश, प्रकृति का संरक्षण और संस्कृति के संरक्षण के बारे में बताया गया है। इसी वजह से उन्हें पूरी दुनिया में पहचान मिली। महाकवि कालिदास ने अपनी रचनाओं के माध्यम से देश की संस्कृति और चेतना को पूरे विश्व में फैलाया है। उन्होंने उज्जैन नगरी के गौरवशाली इतिहास, यहां की इमारतों, बाजारों और लोगों का वर्णन मेघदूतम में किया है। उज्जैन नगरी में आना आत्मिक शान्ति को प्राप्त करना है। ऐसा उत्कृष्ट आयोजन इस अलौकिक नगरी में ही संभव है। राज्यपाल सुश्री उईके ने कहा कि हम सभी पर भगवान महाकाल का आशीर्वाद सदैव बना रहे। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये सभी को धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि निश्चित रूप से अखिल भारतीय कालिदास समारोह अन्तरराष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है। यह समारोह उज्जैन की पहचान बन चुका है। समारोह में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के लिये आयोजन समिति बनाई जाये। इस वर्ष के आयोजन के लिये उच्च शिक्षा मंत्री ने अपनी ओर से सभी को धन्यवाद दिया। मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि वर्तमान में हम उज्जैन के गौरवशाली इतिहास को ध्यान में रखते हुए इसके महत्व को निरन्तर बनाये रखने और बढ़ाने में लगे हुए हैं। महाकवि कालिदास ने उज्जैन को स्वर्ग के एक भूखण्ड की उपाधि दी थी। श्री महाकाल महालोक के लोकार्पण के पश्चात उज्जैन की कीर्ति देश के साथ-साथ विदेशों में भी फैल रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि इस कार्यक्रम में अपनी गरिमामय उपस्थिति के लिये हम सभी छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। महाकवि कालिदास ने जिस श्रेष्ठतम साहित्य की रचना की थी, उसमें हमारी भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता और समृद्धि का एहसास होता है। नई पीढ़ी को भारत के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति के बारे में हमें समय-समय पर बताना चाहिये। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में लगभग 234 विद्यालयों को क्रान्तिकारियों का नाम दिया है। वर्तमान में हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आने वाली पीढ़ी राष्ट्रीयता की भावना से ओतप्रोत हो, इसका हमें प्रयास करना चाहिये।
मंत्री सुश्री ठाकुर ने सभी लोगों से अपील की कि वे कोई भी एक श्लोक जो उन्हें अच्छे-से आता हो, उसे जनगणना के कालम में अवश्य लिखें। हर व्यक्ति कहे कि वह संस्कृत जानता है। अगले वर्ष से आयोजित होने वाले कालिदास समारोह में हमारे द्वारा लोगों के द्वारा कंठस्थ श्लोक और प्रार्थनाओं के प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम को भी जोड़ा जायेगा।
इसके पश्चात अतिथियों द्वारा समारोह में आयोजित की गई प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण मंच से किये गये। कार्यक्रम का संचालन श्री शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने किया और आभार प्रदर्शन विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय ने किया।

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