उज्जैन वैकुंठ चतुर्दशी पर शिप्रा पूजन के साथ दीपदान, जगमगा उठे घाट वैकुंठ चतुर्दशी पर एक लाख से ज्यादा लोगों ने किया तर्पण

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उज्जैन वैकुंठ चतुर्दशी पर शिप्रा पूजन के साथ दीपदान, जगमगा उठे घाट कार्तिक माह की चतुर्दशी को वैकुंठ चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिप्रा पर पहुंचे। सुबह से देरशाम तक स्नान, दान का क्रम जारी रहा। शाम ढलने के बाद शिप्रा में दीप दान किया ग रोशनी से शिप्रा के सभी तट जगमगा उठे। पं. आनंद शंकर व्यास के अनुसार वैकुंठ चतुर्दशी के साथ पूर्णिमा नदी तट, सरोवर में दीप दान का महत्व माना गया है। शिप्रा उत्तर वाहिनी होकर मोक्षदायिनी है। यहां पर काि माह में स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इनसेट- मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की धर्मपत्नी साधना सिंह भी शिप्रा तट पर पूजन के बाद दीप
दान किया।

वैकुंठ चतुर्दशी पर एक लाख से ज्यादा लोगों ने किया तर्पण उज्जैन | वैकुंठ चतुर्दशी पर सोमवार को सिद्धवट घाट प्रेतशिला तीर्थ पर पूर्वजों को याद करने के लिए आस्था लिए श्रद्धालु पहुंचे। श्री क्षेत्र पंडा समिति अध्यक्ष पं. राजेश त्रिवेदी ने बताया तीर्थ पर एक लाख से अधिक लोगों ने पहुंचकर पूर्वजों के लिए तर्पण के साथ पिंड दान किया। भगवान विष्णु के सयन के समय श्राद्ध पक्ष पूर्वजों के लिए जो समय निर्धारित किया है उसी प्रकार का दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर रहता है। मालवा कृषि प्रधान क्षेत्र होने के कारण यहां के श्रद्धालु जन अपने पूर्वजों की संतुष्टि ★ के लिए परिवार सहित तर्पण और पिंडदान करते हैं।

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