दो साल बाद रिदम के गरबे में उमड़ा जनसैलाब समाजसेवी एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सितंदर कौर सलूजा ने दर्शकों से पूछे सवाल
उज्जैन | कोरोना के कारण दो वर्षों तक नवरात्रि उत्सव पर गरबा नहीं कर सके लोगों का उत्साह इस वर्ष जमकर उमड़ रहा है। नवरात्रि के द्वितीय दिवस भी दशहरा मैदान पर दर्शकों की अच्छी भीड़ रही। रिदम सांस्कृतिक संस्था, अवंतिका यूनिवर्सिटी एवं दैनिक भास्कर द्वारा दशहरा मैदान पर 4 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले गरबा उत्सव में मंगलवार को समाजसेवी एवं वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सतिंदर कौर सलूजा द्वारा मंच से दर्शकों को पुरस्कृत किया गया। रिदम सांस्कृतिक संस्था के सचिव कपिल यादें ने बताया कि गरबा के लिए बनाए मंच पर प्रथम दिवस बालिकाओं एवं युवतियों द्वारा आकर्षक गरबा की प्रस्तुतियां दी। इसके अलावा फैमिली और कंपल जोन के साथ ही ओपन जोन में आम लोग फ्री स्टाइल गरबा पांडाल में भी उपस्थित दर्शकों ने गरबा किया। गरबा आयोजन संस्था संरक्षक उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन किया जा रहा है। संयोजक महेश परियानी, संस्था अध्यक्ष नरेश शर्मा द्वारा भी आयोजन को सफल बनाने हेतु कार्य किया जा रहा है। आयोजन की मार्गदर्शक वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं समाजसेवी डॉ. सतिंदर कौर सलूजा है। केन्द्रीय आयोजन समिति में कलावती यादव, सुरेन्द्रसिंह अरोरा, संतोष अग्रवाल, आनंद बांगड़, शंकरलाल कलवाड़िया, मुकेश रांका, डॉ. कात्यायन मिश्र, आदित्य नाम जोशी, आनंद गोराना, अनिल अग्रवाल, प्रकाश यादव, मनीष अग्रवाल, राजेश श्रीवास एवं मुकेश सोनगरा शामिल हैं। शहर की प्रतिभाओं को मंच प्रदान कर रहा रेडियो दस्तक वर्तमान में शहर में गरबा उत्सव की धूम मची है। सभी शहरवासी शक्ति की उपासना के इस महापर्व नवरात्रि के रंग में रंगे हैं। ऐसे में रेडियो दस्तक शहर के दशहरा मैदान में हो रहे गरबा उत्सव में अपनी रेडियो दस्तक 90.8 FM उपस्थिति दर्ज करते हुए वहां आए प्रबुद्धजनों से रूबरू हो रहा है। रेडियो दस्तक 90.8 FM के लिए केवल इतना ही परिचय काफी है कि यह उज्जैन की जनता का अपना कम्युनिटी रेडियो स्टेशन है। जिसका लाभ उज्जैनवासी अपनी प्रतिभा को सामने लाने और अपने हुनर को नई ऊंचाइयां देने के लिए कर रहे हैं। रेडियो दस्तक की खास बात और है वह यह है कि यह क्षेत्रीय प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए मंच प्रदान करता है। अपने कार्यक्रमों की गुणवत्ता और प्रसिद्धि के कारण यह शहर में अपना एक विशेष स्थान बना चुका है। साथ ही मालवा की संस्कृति को बढ़ावा देते हुए यह उसे आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।
2022-09-28