राष्ट्रभाषा के अभाव में राष्ट्र का विकास असम्भव-डॉ.प्रतिष्ठा*
महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय,उज्जैन द्वारा हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 12 से 14 सितम्बर तक त्रिदिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के प्रथम दिवस में रंगोली निर्माण प्रतियोगिता व पोस्टर मेकिंग, द्वितीय दिवस में निबन्ध प्रतियोगिता एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
तृतीय दिवस में छात्रों द्वारा *चंदा पुकारे….* नाटक का मंचन किया गया। नाटक एक लघुकथा बाल विवाह विषय पर आधारित रहा। *राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी ही क्यों?* विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय कुलपति महोदय प्रो.विजयकुमार सी.जी.ने छात्रों द्वारा प्रस्तुत नाटक को देखते हुए संस्कृत में नाटक प्रशिक्षण की प्रेरणा प्रदान की। उन्होंने कहा कि भाषाई मतभेद होने से राष्ट्र में दोष उत्पन्न होता है। आज के समय मे दासत्व की स्मृति को भाषाई क्षेत्र में भी हटाने की आवश्यकता है। राष्ट्रभाषा के प्रति समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने हिब्रू भाषा का सन्दर्भ प्रस्तुत किया जो आज इजराइल की राष्ट्रभाषा है।
कार्यक्रम में मुख्यवक्तृ के रूप में उपस्थित प्राध्यापक, हिंदी अध्ययनशाला,विक्रम विश्वविद्यालय डॉ.प्रतिष्ठा शर्मा ने कहा राज्य के विकास से राष्ट्र के विकास की भावना हमारे विचारों में होना आवश्यक है। देश भर में मानक भाषाओं में से आज किसी एक का नेतृत्व होना आवश्यक है,जिसकी कसौटी पर हिन्दी भाषा खरी उतरती है। उन्होंने कहा कि *बिना राष्ट्रभाषा राष्ट्र का विकास सम्भव नहीं है* उन्होंने बताया कि हिन्दी व्याकरण एवं व्यवहार दोनों की दृष्टि से सरल एवं सहज है।
हिन्दी निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान- रश्मि ठाकुर, द्वितीय स्थान- जिज्ञासा लाड़,तृतीय स्थान रिद्धि फड़नीस ने प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में जितेंद्र शर्मा ने प्रथम श्रीराम तिवारी द्वितीय व शिव आशीष पाठक ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
पोस्टर मेकिंग में कार्तिक शर्मा प्रथम, प्रशांत शर्मा व शिवम पंड्या द्वितीय, कृष्णा शर्मा व गौतम शर्मा ने तृतीय, रंगोली प्रतियोगिता में रिद्धि फडनीस प्रथम, राधिका शर्मा द्वितीय, नीता शर्मा तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम में कुलसचिव महोदय डॉ दिलीप सोनी, योग विभागाध्यक्ष डॉ उपेन्द्र भार्गव, डॉ.संकल्प मिश्र, अन्य प्राध्यापकगण एवं छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रास्ताविक आधुनिक विभाग के अध्यक्ष डॉ.अखिलेश द्विवेदी, संचालन डॉ.रुपाली सारये एवं धन्यवाद ज्ञापन विभाग समन्वयक डॉ.तुलसीदास परौहा का रहा ।
2022-09-15