रजत पालकी में लोगों का हाल जानने निकले कालभैरव, भगवान को 56 भोग लगाया शाम 4 बजे पूजन के बाद रवाना हुई पालकी, रात 8 बजे मंदिर पहुंची

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रजत पालकी में लोगों का हाल जानने निकले कालभैरव, भगवान को 56 भोग लगाया शाम 4 बजे पूजन के बाद रवाना हुई पालकी, रात 8 बजे मंदिर पहुंची ।
उज्जैन भैरवगढ़ स्थित महाकाल के कोतवाल कालभैरव की सवारी चांदी की नई पालकी में निकाली गई। कालभैरव मंदिर के पुजारी धर्मेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि डोल ग्यारस पर भैरवगढ़ में शाम 4 बजे पूजन के बाद पालकी रवाना हुई। सवारी में कड़ाबिन, बैंड, ढोल, ताशे, अखाड़े, झांकियां, ध्वज, पालकी व भजन मंडलियां शामिल थी। सवारी का जेल तिराहा पर जेल अधीक्षक ने पूजन किया। यहां से सिद्धवट मंदिर पहुंची। जहां शिप्रा व सिद्धनाथ महाराज का पूजन किया। पूजन के पश्चात रात में सवारी कालभैरव मंदिर पहुची डोल ग्यारस पर काल भैरव सजाया। सिंधिया परिवार की ओर से मंदिर में धार्मिक आयोजन हुए। सुबह पगड़ी अर्पित की। सेनापति की आरती भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया गया कलेक्टर आशीष सिंह ने पूजा अर्चना की पुलिस बल ने दिया गार्ड ऑफआँनर ।

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