सामाजिक समरसता के लिए आरक्षण आर्थिक आधार पर हो की मांग की राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्रसिंह तोमर, राष्ट्रीय महामंत्री अनिलसिंह चंदेल, प्रदेशाध्यक्ष रामवीरसिंह सिकरवार, महिलाविंग की प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अंजना राजावत तथा ब्राह्मण, राजपूत, सिख, कायस्थ, मराठा, महाराष्ट्रीयन, वैश्य, सोनी, सिंधी, जाट, मुस्लिम, बोहरा तथा सपाक्स समाज के प्रतिनिधिगण शामिल होंगे। इस अवसर पर महामहीम-राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन एस डी एम जगदीश मेहरा को दिया गया ।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा तीसरी रथयात्रा 9 अगस्त 2022 को प्रातः 10:00 बजे राजतिलक भवन, पुरानी मण्ड जम्मू से प्रारम्भ होगी। पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बंगाल , झारखण्ड, बिहार, असम, मेघालय, उतर प्रदेश से होकर हुई 7 अक्टूबर 2022 को राजघाट व जंतर मंतर दिल्ली पर सम्पन्न होगी। इस क्षत्रिय समागम में देश की अनेक सामाजिक संस्थाओं के नेता व प्रतिनिधि भाग लेगें। महासभा इस रथयात्रा के माध्यम से मांग करती है 1. सविंधान में संशोधन के द्वारा आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाय व तब तक वर्तमान आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाये । 2. क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड को तुरन्त रोका जाय । 3. सामाजिक समानता लाने के लिए जातिगत भेदभाव एवं अस्पृश्ता को समाप्त कर लोगों में परस्पर प्रेम व सौहार्द बढ़ाने के लिए एवं सभी वर्गों में एकता स्थापित करने के लिए शांतिपूर्ण सह अस्तित्व, आत्मीयता, समन्वय, सर्वहित व समूह चेतना के द्वारा सामाजिक समरसता की भावना पैदा की जाय। 4. एस. सी. एस. टी एक्ट का दुरुपयोग बन्द किया जाय । 5. भष्ट्राचार को समाप्त कर कृषि को कर मुक्त कर कृषि उपज का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया जाय व करोड़ो बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध करवायें जायें। इस विशाल रथयात्रा में अग्रवाल समाज, ब्राह्मण समाज इत्यादि आरक्षित एवं अनारक्षित सभी वर्गों को भाग लेने के लिए निमंत्रण दिया गया है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा सन् 1980 से आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करती रही है। सन् 2001 में महामहिम राष्ट्रपति को इस हेतु लाखों हस्ताक्षर युक्त मांग पत्र दिया गया। 17 अक्टूबर 2010 से 13 मार्च 2011 तक व 9 अगस्त 2017 से 19 नवम्बर 2017 तक दो बार आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर कश्मीर से कन्याकुमारी व कन्याकुमारी से दिल्ली तक 8 महीने के दौरान देशभर में लगभग 70 हजार किलोमीटर तक की रथ यात्राऐं निकाली गई। इसके फलस्वरुप 2013 में हरियाणा सरकार ने कानून पास कर सवर्णजातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। 2017 की रथयात्रा के बाद केन्द्रीय सरकार ने सविंधान में संशोधन कर आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। महासभा देश में गरीबों के हित में जातिगत आरक्षण को समाप्त कर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की पुरजोर मांग करती है।
2022-09-04