नारी शक्ति की शिव स्तुति कलांजलि से शिवमय हुआ श्रावण महोत्सव श्रावण महोत्‍सव के दूसरे रविवार को सुश्री गौरी पाठारे का शास्‍त्रीय गायन,पंच नाद संस्‍था द्वारा पांच वाद्यों की प्रस्‍तुति साथ ही नृत्‍यसिध्‍दा कथक अकादमी निदेशक सुश्री रितु शर्मा शुक्‍ला के समू‍ह द्वारा कथ‍क की मोहक प्रस्‍तुति

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नारी शक्ति की शिव स्तुति*
*कलांजलि से शिवमय हुआ श्रावण महोत्सव*

*श्रावण महोत्‍सव के दूसरे रविवार को सुश्री गौरी पाठारे का शास्‍त्रीय गायन,पंच नाद संस्‍था द्वारा पांच वाद्यों की प्रस्‍तुति साथ ही नृत्‍यसिध्‍दा कथक अकादमी निदेशक सुश्री रितु शर्मा शुक्‍ला के समू‍ह द्वारा कथ‍क की मोहक प्रस्‍तुति*
उज्जैन 24 जुलाई 2022। श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति, उज्‍जैन के महति आयोजन 17वा अखिल भारतीय श्रावण महोत्‍सव 2022 के दूसरे रविवार 24 जुलाई को नियोजित शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य की रसवर्षा से नटराज श्री महाकालेश्वर की आराधना के उपक्रम में मुम्‍बई की सुश्री गौरी पाठारे के शास्‍त्रीय गायन, इन्‍दौर की पंचनाद संस्‍था के कलाकारों द्वारा समूह वादन जिसमें सुश्री श्रुति धर्माधिकारी द्वारा संतूर वादन, श्रीमती स्मिता वाजपेयी द्वारा सितार वादन, सुश्री संगीता अग्निहोत्री द्वारा तबला वादन, डॉ.रचना शर्मा द्वारा हारमोनियम व सुश्री अनुजा बोरूडे शिंदे द्वारा पखावज वादन व कार्यक्रम की संध्‍या का समापन उज्‍जैन की नृत्‍यसिध्‍दा कथक अकादमी निदेशक सुश्री रितु शर्मा शुक्‍ला के समू‍ह कथ‍क की प्रस्‍तुति से हुआ।
कार्यक्रम में *प्रथम प्रस्‍तुति सुश्री गौरी पाठारे (मुंबई)* का गायन संपन्न हुआ। प्रारम्भ में सुश्री पाठारे द्वारा मध्यलय मे अद्धा ताल मे राग भूप शिव स्तुति पर आधारित बंदिश महादेव महेश्वरा, त्रिशूल धरण त्रिपुरान्तक महेश जिनके पग वंदना………….. से गायन का आरम्भ किया। राग भूप मे समा बांधने के बाद उन्होने राग शंकरा मे प्रचलित बंदिश सिर पे धरी गंगा………. की प्रस्तुति दी। तीनताल मे निबद्ध इस बंदिश के साथ राग शंकरा मे उन्होने दृत एकताल मे जटाजूट गंगा बिराजे कर त्रिशूल पेहेरे मृगछाल……… शिव स्तुति की प्रस्तुति दी। अंत मे एक मीराबाई के भजन म्हारे घर आओ जी प्रीतम प्यारे……. की प्रस्तुति करते हुए भावविभोर श्रोताओं को शिवमय किया।
सुश्री गौरी पाठारे के साथ संवादिनी पर डॉ.विवेक बनसोड, तबला संगत पर श्री हितेंद्र दीक्षित, पखावज पर सुश्री अनुजा बोरूडे शिंदे व मंजीरे पर विश्वास चाँदोरिकर ने संगत की।
*द्वितीय प्रस्‍तुति पंचनाद संस्‍था इन्‍दौर* की महिला कलाकारों द्वारा समूह वादन जिसमें सुश्री श्रुति धर्माधिकारी द्वारा संतूर वादन, श्रीमती स्मिता वाजपेयी द्वारा सितार वादन, सुश्री संगीता अग्निहोत्री द्वारा तबला वादन, डॉ.रचना शर्मा द्वारा हारमोनियम व सुश्री अनुजा बोरूडे शिंदे द्वारा पखावज वादन से हुई। कलाकारों द्वारा तीन शब्‍द में सृष्टि सारी दृष्टि सारी समाए ओम नम: शिवाय….. की प्रस्‍तुति के उपरांत राग हंसध्वनि में बंदिशे,आलाप, जोड़, झाले की प्रस्‍तुति के बाद श्री रामचन्‍द्र कृपालु भजमन ………… की प्रस्‍तुति के साथ समापन किया गया।
*कार्यक्रम की तीसरी और अंतिम प्रस्तुति नृत्यसिद्धा कला अकादमी की निर्देशिका सुश्री रितु शर्मा शुक्ला और उनके समूह की कथक प्रस्तुति से हुई* कथा कहे सो कथक कहाए”
के इस मंत्र को जीवित करती हुई ये प्रस्तुति कथक नृत्य के मूल स्वरूप को परिभाषित कर गयी। आरंभ शिव के प्रिय वाद्य डमरू के नाद के साथ शिव तांडव श्लोक से हुआ, जिसमे शिव के रूद्र अवतार को मंच पर नए अंदाज में प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुति के द्वितीय सोपान में शुद्ध कथक शैली में ताल चौताल में निबद्ध शिव ध्रुपद की प्रस्तुति की गई, जिसमे तोड़े, टुकड़े, परण के समावेश से शिव के साथ दर्शकों को भी प्रसन्न किया गया। तृतीय और अंतिम सोपान में नृत्य नाटिका के रूप में भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग स्वरूप में अवंतिकानाथ होने की गाथा कथक शैली में प्रस्तुत की गई, जिसका निर्देशन नृत्यश्री रितु शर्मा शुक्ला द्वारा किया गया। कवित अंदाज में इस प्रस्तुति में कलाकारों ने बेहद प्रभावी तरीके से अपने पात्रों को नृत्य शैली में पिरोया। सारंगी के साथ आधुनिक वाद्य का समावेश पंकज पांचाल द्वारा एक अमिट छाप छोड़ गया। कार्यक्रम में हारमोनियम पर संगत और शास्त्रीय गायन ध्रुपद शैली में डॉ. रोहित चावरे ने किया। यहीं शास्त्रीय गायिका सुश्री अर्चना आप्टे तिवारी की सुमधुर शास्त्रीय संगत में प्रस्तुति को और मोहक बनाया। नगाड़े के साथ संगत करते हुए पढ़न्त ख्यात तबला वादक माधव तिवारी की रही। प्रस्तुति में शास्त्रीय धुने बेहद कर्णप्रिय रही, विशेषकर तबले पर अरुण कुशवाह की संगत ने पूरे नृत्य नाट्य को प्रभावी बनाने में यथेष्ट सहयोग दिया। इस कथक कथा के सूत्रधार पंडित संजय शुक्ल थे। सह कलाकारों में नंदनी वधावन, कृतिका शर्मा, सृष्टि शर्मा, हर्षिता मुछाल, अवनी जोशी, सिद्धि भट्ट, आयुषी, स्वस्ति, आदिति,मिष्ठी भूतड़ा, अजय नगरिया, जया मिश्रा, रूपाली जोशी, आशि के साथ नन्हे बाल कलाकार स्वरा, परी, वैभवी, ऐनु और आर्या के नृत्य अभिनय को खूब सराहा गया। नारी शक्ति की शिव स्तुति के अद्भुत सामंजस्य में श्री महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा श्रावण महोत्सव की दूसरी संध्या के अंतिम प्रस्तुति में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के प्राकृट्य कथा को जोड़कर सजीवता प्रदान की।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथियों के साथ , प्रस्तुति देने आई कलाकार नारी शक्तियों ने दीप प्रज्जवलन कर शिव के साथ शक्ति के सामंजस्य के आयोजन श्रावण महोत्सव के द्वितीय दिवस का प्रारंभ किया । दीपप्रज्‍जवलन के पश्‍चात सभी गणमान्‍य अतिथियों का दुपट्टा, प्रसाद व स्मृति चिन्ह़् देकर सम्‍मान किया गया। इसके पश्‍चात अतिथियों द्वारा प्रस्तुति हेतु पधारे सभी कलाकारों एवं सहयोगी कलाकारों का दुपट्टा, प्रसाद व स्मृति चिन्ह़् देकर स्वागत व सम्मान किया गया। मंच संचालन डॉ.पीयूष त्रिपाठी द्वारा किया गया।

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