*श्रावण के आज प्रथम सोमवार को बाबा श्री महाकालेश्वर मनमहेश के रूप में नगर ्रमण पर निकलेंगे*

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  • श्रावण के आज प्रथम सोमवार को बाबा श्री महाकालेश्वर मनमहेश के रूप में नगर भ्रमण पर निकलेंगे*

उज्जैन 17 जुलाई 2022। विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह के पहले दिन ही सोमवार 18 जुलाई को सवारी नगर भ्रमण पर अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये परम्‍परागत मार्ग से निकाली जावेगी।
श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड ने बताया कि, भगवान श्री महाकालेश्वर की पहली सवारी ठाठ-बाट से परम्‍परागत मार्ग से निकाली जायेगी। पालकी में भगवान *श्री मनमहेश* के स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये नगर भ्रमण पर निकलेंगे। भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री मनमहेश स्वरूप का विधिवत पूजन.अर्चन महाकाल मन्दिर के सभा मण्डप में होने के पश्चात श्री मनमहेश पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। भगवान की सवारी मन्दिर से अपने निर्धारित समय शाम 4 बजे निकलेगी। मन्दिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री मनमहेश को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जायेगी।
भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी मन्दिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जायेगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्‍वर मन्दिर पहुंचेगी।
सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि कृपया सवारी मार्ग में सड़क की ओर व्यापारीगण भट्टी चालू न रखें और न ही तेल का कड़ाव रखें। दर्शनार्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें और सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खड़े रहें। दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें। श्रद्धालु सवारी के दौरान सिक्के, नारियल, केले, फल आदि न फैंकें। सवारी के बीच में प्रसाद और चित्र वितरण न करें। इसके अलावा पालकी के आसपास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें।
प्रशासक श्री धाकड़ ने बताया कि, भगवान श्री महाकालेश्वर की दूसरी सवारी 25 जुलाई को निकलेगी। इसमें पालकी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर के स्वरूप में और हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में विराजित होंगे। तीसरी सवारी 01 अगस्त को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर के स्वरूप में रहेंगे, हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में और गरूड़ रथ पर शिवतांडव के स्वरूप में विराजित होंगे। इसी प्रकार चौथी सवारी 08 अगस्त को निकाली जायेगी, जिसमें पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा.महेश के स्वरूप में विराजित होंगे। भगवान की पांचवी सवारी 15 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा.महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रहेगा। शाही सवारी 22 अगस्त को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में चन्द्रमौलेश्वर भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर के स्वरूप में, हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में, गरूड़ रथ पर शिवतांडव के स्वरूप में, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश के स्वरूप में, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद स्वरूप में और रथ पर सप्तधान्य मुखारविंद स्वरूप में रहेंगे।

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