*मुंबई के भक्त द्वारा किया बाबा महाकाल को अर्पित किया रजत मुकुट*
*भगवान श्री महाकालेश्वर को लगाया छप्पन भोग*
उज्जैन 14 मई 2022 । हिन्दु धर्म के अनुसार पुराणों आदि में दान का बडा ही महत्व है , प्रमाणों द्वारा इस लेख के माध्यम से दान के महत्व के बारे में बताया गया है –
”प्रगट चारि पद धर्म के कलि महुं एक प्रधान।
जेन केन बिधि दीन्हें दान करइ कल्याण।।”
अर्थात धर्म के चार चरण (सत्य, तप और दान ) प्रसिद्ध है, जिनमें से कलि में एक (दान रूपी) चरण ही प्रधान है। जिस प्रकार से दिया जाये दान कल्याण ही करता है।
प्रशासक श्री धाकड ने बताया कि, श्री महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जहॉ देश- विदेश से श्रद्धालु दर्शन हेतु आते है व अपनी श्रद्धानुसार अपने मन की शांति व मनोकामना पूर्ण होने पर किसी भी रूप में दान करते है इसी श्रृंखला में श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन हेतु मुंबई से पधारे श्रद्धालु जी.जे. ग्रुप के निदेशक श्री गौरव डी. सोनी ने पुजारी श्री रमण त्रिवेदी की प्रेरणा से अपनी नई कंपनी डी.एस श्रॉफ एण्ड संस को सफल बनाने की मंशा से श्री महाकालेश्वर भगवान को छप्पन भोग लगाया व बाबा महाकाल को 2 किलो 513 ग्राम का रजत मुकुट अर्पित किया तथा श्री महाकालेश्वर भगवान से अपने कारोबार को सफल बनाने के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया।
मंदिर प्रबंध समिति की ओर से सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.पी. गेहलोत द्वारा रजत मुकुट प्राप्त कर दानदाता को प्रसाद भेंट कर विधिवत रसीद प्रदान की । इस अवसर पर मंदिर के भस्मार्ती प्रभारी श्री उमेश पण्डया आदि उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि, श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित नि:शुल्क अन्नक्षेत्र में दानदाता अपने आप्तजनों के जन्मदिवस, पुण्यतिथि, विवाह वर्षगॉठ आदि अवसरों पर एक समय के भोजन प्रसाद हेतु रू. 25 हजार की राशि देकर भोजन करवा सकते है तथा एक पूरे दिन के भोजन प्रसादी हेतु 51 हजार की राशि मंदिर कोष में जमा कर भोजन प्रसादी की व्यवस्था करवा सकते है। इसी प्रकार रू. 11,000/- भक्त एक दिवस के भस्मार्ती उपरांत प्रातः 6 से 8 बजे तक अल्पाहार की व्यवस्था करवाकर अन्नदान के पुण्य का लाभ ले सकते है।