उज्जैन परस्पर सहकारी मर्यादित बैक संचालक मंडल ने सन 2017 मे तीन लाख चालिसा हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी जिसकी शिकायत मेरे द्वारा एस पी से लेकर टी आई देवास गेट हेल्पलाइन तक धोखाधड़ी की शिकायत करने के बावजूद बैक संचालन मंडल व बैक अधिकारीयों पर आज तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई सिर्फ प्रकाश सोलंकी पर एफआईआर की गई हैं। यह जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रेस क्लब पर रविशंकर ने दी

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उज्जैन परस्पर सहकारी मर्यादित बैंक संचालक मंडल ने सन् 2017 में तीन लाख चालिस हजार रूपये की धोखाधड़ी की थी, जिसकी शिकायत मेरे द्वारा मेरे साथ तो धोखाधड़ी बैंक संचालक मंडल व बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा भी की गई है जिसमें सिर्फ प्रकाश सौलंकी पर एफ.आई.आर.की गई है जो कि बैंक का दलाल है। अतः बैंक, अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाने हेतु की मांग प्रेस कॉन्फ्रेंस
मे रविशंकर पंवार पिता श्री भागीरथ सिंह जी पंवार निवास – 54 जनता नगर, आगर रोड़, उज्जैन का हूं। यह कि मुझ प्रार्थी के साथ सन् 2017 में बैंक संचालक मंडल, बैंक अधिकारी, बैंक कर्मचारी एवं प्रकाश सोलंकी दलाल उक्त शिकायत पर सन् 2020 में केवल प्रकाश सोलंकी पर 420 के तहत् एफ. आई.आर. दर्ज की गई। असल धोखाधड़ी करने वाले से साठ – गाठ कर कुट रचित दस्तावेजो की रचना की गई। उनके खिलाफ एफ.आई.आर. के मुख्य तथ्य निम्न है :
1. बैक द्वारा स्वीकार किया गया है कि 2,00,000/- कि जमा पर्ची प्रदाय की गई है।
2. बैंक द्वारा इस तथ्य को संपूर्ण रूप से छिपाया है कि उनके द्वारा जो पर्ची प्रदाय की गई है यदि चेक प्रदाय किया जाता फरियादी द्वारा तो उस पर चेक क्रमांक 000010 का स्पष्ट रूप से उल्लेख होता।

बैंक द्वारा जो पर्ची प्रदाय की गई है जो कि लाल कलर की है। वह नगद कि पर्ची है जिसमें नगद रूपये का स्पष्ट उल्लेख है। बैंक की पर्ची सफेद कलर की है जिसमें क्रमांक व चेक जमा दिनांक व बैंक का नाम भी उल्लेख है।
. दिनांक 05/10/2019 के प्रतिवेदन जो कि स्वय सीफ जनरल मैनेजर द्वारा प्रदाय की गई है उसमें उनके द्वारा स्वीकार किया है कि पर्ची बैंक द्वारा ही प्रदाय की गई है।
. बैंक के अधिकारी व पदाधिकारीयों द्वारा षंडयत्र पूर्वक साठगाठ कर स्वयं के समक्ष प्रस्तुत हुए सेक्योरेटी स्वरूप चेक को जिम्मेदारी से बचने हेतु व गरीब व्यक्ति का पैसा गबन करने के नियत से उक्त चेक प्रस्तुत स्वंय द्वारा भरकर प्रस्तुत किया।
•पुलिस द्वारा चाहे गए प्रतिवेदन दिनांक 06.02.2022 में बैंक यह भी स्वीकार करती है कि उनके पास चेक क्लीयरिंग में लगने का कोई प्रमाण नहीं है। जबकि बैंक के स्पष्ट रूप से नियम है कि किसी भी प्रकार का कोई चेक प्रस्तुत किया जाता है तो उसके समस्त रिकार्ड बैंक को रखना आवश्यक है।
जो जमा की पर्ची प्रदाय कि गई है उसमें स्क्राल न. का भी उल्लेख नही है। यदि राशि चेक के माध्यम से भी जमा कि गई थी तो स्क्राल न.का तो उल्लेख आवश्यक रूप से करना चाहिए

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