*मर्यादा पुरुषोत्तम के* *प्राकट्य दिवस पर जीवन को* *मर्यादित जीने का संकल्प* भगवान के अनेकों अवतार में से त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम

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*मर्यादा पुरुषोत्तम के*
*प्राकट्य दिवस पर जीवन को* *मर्यादित जीने का संकल्प*
भगवान के अनेकों अवतार में से त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का अवतार का हुआ। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी श्री राम ने व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय मर्यादा का पूरी निष्ठा से पालन किया और अपने साथी-सहचरों से कराया।आज राम नवमी के दिन सभी श्रद्धालुओं को इसी मर्यादित जीवन जीने के लिए संकल्पित होकर पर्व मनाना चाहिए। व्यक्ति को जीवन की हर रिश्ते पिता,पुत्र,भाई,पति , माता, पुत्री, पत्नी ,बहुत,सास हर जबाबदारी-कर्मचारी-अधिकारी,सोनिक-व्यापारी आदि सभी की मर्यादा का पालन पूरी तरह से करना चाहिए। यह आवाह्न श्री राजेश पटेल उपझोन समन्वयक ने गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन पर सामूहिक पूर्णाहुति एवं श्रीराम प्रकटोत्सव के संकल्प पर किया।
यहां पर नगर और ग्रामीण क्षेत्र के करीब 400 साधकों ने 9 कुण्डीय यज्ञशाला में चार पारियों में अनुष्ठान पूर्णाहुति की।यज्ञ के साथ पुंसवन,मुंडन, यज्ञोपवीत, मंत्र दीक्षा संस्कार कराए गए। कन्या पूजन एवं भोज के बाद साधकों ने भी प्रसादी की व्यवस्था रही

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