महानाट्य की संशोधित खबर विक्रमोत्सव 2022 विराट व्यक्तित्व पर महानाट्य भारतीय संदर्भों में हमारे देव राम व कृष्ण जैसे अवतार नायकों के बाद भारतीय का समाज सर्वाधिक लोकप्रिय नायक विक्रमादित्य ही है।

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महानाट्य की संशोधित खबर
विक्रमोत्सव 2022
विराट व्यक्तित्व पर महानाट्य
भारतीय संदर्भों में हमारे देव राम व कृष्ण जैसे अवतार नायकों के बाद भारतीय का समाज सर्वाधिक लोकप्रिय नायक विक्रमादित्य ही है। विक्रमादित्य की वीरता देश को पराधीनता से मुक्त कराने के लिए उत्कृष्ट अभिलाषा, राजनीति की उपलब्धियाँ, सैनिक अभियान और विजय यात्राएँ, शासन का आदर्श, अनोखी विवेकपूर्ण न्यायपद्धति, कला एवं साहित्य की उन्नति में उदार सहयोग तथा सहभागिता जैसे उदात्त गुणों ने ही भारत ही नहीं आसपास के सुदूर देशों में भी उन्हें सदैव के लिए प्रतिष्ठित कर दिया है। इतिहास में ऐसे व्यक्ति बिरले ही होते हैं जिनकी उपस्थिति समय की धारा बदल देती है और वे स्वयं इतिहास बन जाते हैं। ऐसे ही व्यक्तित्व थे सम्राट विक्रमादित्य। सम्राट विक्रमादित्य 2000 वर्ष के बाद आज भी भारतवर्ष में प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में एक विशेष छवि व अत्यंत आदर रखते हैं। दिन का राज्य भारत के भू भाग के बाहर पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, बर्मा से लगाकर यूरोप तक फैला हुआ था। इनकी राज्यसभा महाकवि कालिदास सहित नवरत्नों से सुशोभित थी। संस्कृति के संरक्षक वीर विक्रमादित्य आज भी समाज के मार्गदर्शक आदर्श महापुरुष निरूपित है। जिनके द्वारा अपने भूभाग की प्रजा को समस्तकों से मुक्त कराकर नवीन तिथि एवं नववर्ष मनाया सम्‍वत् प्रारंभ किया गया जो कालांतर में विक्रम सम्‍वत् कहलाया। विक्रमादित्य की इस महान गाथा को रंगकर्मी श्री संजीव मालवीय ने बहुत ही मनोयोग से मंच पर उतारा है। उनके निर्देशन में निर्देशित होने वाला यह महा नाट्य विक्रमादित्य के विराट व्यक्तित्व के जन्म से लेकर सम्राट बनने तक की संपूर्ण गाथा को प्रकट करता है। विशाला संस्कृति एवं लोकहित समिति, उज्जैन की इस विराट प्रस्तुति में विक्रमादित्य के जीवन से सम्‍बन्‍धित हर पहलू को समाहित किया गया है। यह देश का एकमात्र ऐसा महानाट्य है जिसका मंचन देश के सभी प्रमुख नगरों में किया जा चुका है। विक्रमोत्सव-2022 के अवसर इस महानाट्य की तीन दिवसीय प्रस्तुति का पहला मंचन स्थानीय सामाजिक न्याय परिसर में किया गया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्री श्रीराम तिवारी व विवेक जोशी नगर अध्यक्ष भाजपा समेत वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे।

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