प्रतियोगिता का नाम बैस्ट एप्पल ईटिंग विश्व की अनोखी एक मात्र अनोखी प्रतियोगिता होगी।

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प्रतियोगिता का नाम बैस्ट एप्पल ईटिंग विश्व की अनोखी एक मात्र अनोखी प्रतियोगिता होगी।

 

उज्जैन शुक्रवार 11 मार्च इस आयोजन को सफल व सहयोग की अपील डॉ अशोक कुमार सिसोदिया ने पत्रकार वार्ता में मिडिया से चर्चा में कहीं हे।

विश्व के विभिन्न क्षेत्र में कई प्रकार की प्रतियोजिए आयोजित की जाती है। यह विश्व में पहली अनोखी एक मात्र प्रतियोगिता होगी मेरी नजर में। जिसकी शुरुआत उज्जैन से की जा रही है। जिससे उज्जैन के साथ मध्य प्रदेश: और भारत का नाम होगा यह प्रतियोगिता विदेश के मनोरंजन गेट टु गेदर , विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष आयोजित की जाएगी। इसका प्राइज का खर्चा में स्वयं वहन करना और एंट्री राशि तथा एड से प्राप्त राशि प्रति वर्ष अलग-अलग सामाजिक संस्थाओं को सामान /नगद के रूप में दान की जाएगी। यहु आयोजन समाज सेवी, वैदय, इतिहासकार एवं ज्योतिषाचार्य पंडित रामनाथ गणेशराम सिसोदिया की स्मृति में किया जाएगा

एप्पल को किस प्रकार से खाना है यह चित्र के माध्यम से आयोजन क्षेत्र में लगे पोस्टर पर दर्शया जायेगा। एप्पल का 100-150 ग्राम वजन का होना चाहिए जो प्रतिभागी स्वयं लाएगा इसको खाने के लिए 5 मिनिट का समय दिया जाएगा निर्णय समिति का निर्णय अंतिम सभी को मान्य करना होगा। इसमें भाग लेने के लिए आवेदक फार्म भरना होगा जिसमे घोषणा एवं नियम व शर्ते लिखी होगी। प्रतियोगिता चरणों में होगी।

 

प्रथम चरण में 6टी का 8 12 वी कक्षा तक

प्रथम 2500 /दुतिय 1500 /तृतीय 1000 प्रोत्साहन राशि 251 रूपये

 

दुद्वितीय चरण में कॉलेज के छात्र /छात्राएं

प्रथम 2500 /दुतिय 1500 /तृतीय 1000 /प्रोत्साहन राशि 251 रुपये

 

तृतीय चरण में आम जनता महिलाएं /पुरुष के लिए

प्रथम 5000 /दुतिय 2500 /तृतीय 1500 /प्रोत्साहन राशि

500 रुपये

पुरस्कार मे दी जाएगी वही

एक बार से अधिक चयनित प्रतिभागियों मे राशि बराबर बांट दी जाएगी। एंट्री राशि छात्रों के लिए 20/-रुपये तथा आम जनता के लिए 10 रुपये रखी आएगी और व्यापारियों / संस्थाओं के एड बैनर के लिए 251/- रुपये प्रति बैनर सहयोग राशि रखी गई है। यह राशि भी दान सामाजिक संस्था को दी जाएगी।

जो व्यक्ति या संस्था इसके लिए विस्था के लिए नि शुल्क व्यवस्था के लिए सेवा एवं सहयोग देना चाहते हैं, वे सादर आमंत्रित है।

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे