ऐसे बदल गई तस्वीर अब आत्मनिर्भर हो गया वसुधा गाँव

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*ऐसे बदल गई तस्वीर, अब आत्मनिर्भर हो गया वसुधा गाँव*

मध्यप्रदेश के कटनी जिले की ग्राम पंचायत वसुधा के लोग सब्जी उत्पादन कर आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख रहे हैं। कभी लगातार गिरते भूजल स्तर से परेशान ग्रामीण अब पूरे सालभर सब्जी की खेती करते हैं। इस प्रकार, आत्मनिर्भर भारत के कटनी का यह गाँव अब आत्मनिर्भर गाँव बन चुका है। इसकी जानकारी MP MyGov ने स्वदेशी सोशल मीडिया मंच कू ऐप के अपने ऑफिशियल हैंडल से दी है।

इस एमपीमाईगव पोस्ट में कहा गया है:

सब्जी की खेती करके आत्मनिर्भर हुआ कटनी जिले का वसुधा गांव.
कभी लगातार गिरते भूजल स्तर से परेशान
ग्राम पंचायत वसुधा के लोग सब्जी उत्पादन कर आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख रहे हैं।
खेती से आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ रहीं रजनी बताती हैं कि गांव में मनरेगा से तालाब निर्माण के साथ ही कपिलधारा कूप बनने के बाद पानी की समस्या खत्म हो गई और खेती के लिए पर्याप्त पानी मिलने लगा। इससे ग्रामीणों की कमाई बढ़ी है।

वहीं, गाँव के बुजुर्ग भोलेराम का कहना है कि पहले गाँव में भूजल स्तर पर बहुत नीचे रहता था। गर्मी के मौसम में लोग पीने के पानी के लिए परेशान रहते थे। अब गाँव में भूजल स्तर पर बहुत बदलाव हुआ है। पानी की समस्या नहीं रहती है।

मेहनत ने बना दिया आत्मनिर्भर गाँव

आजीविका के लिए कभी जंगल की लकड़ी पर निर्भर ग्रामीणों ने मेहनत से गाँव की तस्वीर ही बदल दी। कभी लकड़ी बेचने पर निर्भर गाँव अब सब्जी उत्पादन में आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख रहा है। बात है कटनी जिले के रीठी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत वसुधा की। कभी लगातार गिरते भूजल स्तर से परेशान ग्रामीण अब गाँव में पूरे सालभर सब्जी की खेती कर रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि गांव को आत्मनिर्भर बनाने में मनरेगा योजना से 27 निस्तारी तालाब और 54 कपिलधारा कूप से बड़ी मदद मिली है। गाँव में सब्जी का उत्पादन लगातार बढ़ा। अब वसुधा की सब्जी विकासखंड मुख्यालय रीठी से लेकर जिला मुख्यालय कटनी तक जा रही है। आजीविका का बारहमासी साधन उपलब्ध होने से ग्रामीणों का जन जीवन भी बदल गया।

इन कार्यों से बदली गांव की तस्वीर

• 54 कपिलधारा कूप
• 27 निस्तारी तालाब
• 4 तालाब में सालभर पानी
• 14 सुदूर सड़कों का निर्माण
• 228 पीएम आवास
• 41 मेढबंधान
• 8 बकरी शेड

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