उज्जैन में फिल्में और वेबसीरिज की संभावनाएं : आर्या
उज्जैन। उज्जैन में भी फिल्में और वेबसीरिज बनाई जा सकती हैं। यहां पर लोकेशन देखने के बाद इस पर विचार संभव है। मध्यप्रदेश में फिल्म और वेबसीरिज पर सब्सिडी मिलने के कारण यहां अधिक फिल्में और वेबसीरिज बनने की संभावना है।
यह बात फिल्म अभिनेता दिलीप आर्या ने शनिवार को तरणताल स्थित प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान कही। दिलीप आर्या उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर के दर्शनों के लिए आए थे। इसी दौरान प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा की। दिलीप आर्या ने बताया कि उनकी वेबसीरिज बीहड़ का बागी-१ चित्रकूट के आसपास बनाई गई थी। बीहड़ के बागी-2 वेबसीरिज जबलपुर और उसके आसपास के क्षेत्र में बनाई जाएगी। बीहड़ के बागी-१ की शूटिंग के संबंध में उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कड़ाके की ठंड में आधी-आधी रात तक उन्होंने शूटिंग की। कामकाज में सब लोग इतने तल्लीन हो जाते हैं कि भूख, प्यास, ठंड, गर्मी का पता ही नहीं चलता। सबका उद्देश्य काम के प्रति अपने शत-प्रतिशत अच्छा प्रदर्शन करने का रहता है।
इसके अलावा उनकी और भी फिल्में और वेबसीरिज आ रही है। अभिनेत्री रिया कपूर के साथ नाच बसंती नाच फिल्म आ रही है, जिसमें आज के शास्त्रीय और लोक नृत्य के कलाकारों के जीवन के बारे में बताया गया है। इसी के साथ फौजी के कर्त्तव्यस्थल पर किए जा रहे संघर्ष को लेकर लांस नायक और पुलिस की स्थिति पर बरसा बाजार वेबसीरिज भी शीघ्र आएगी।
उज्जैन के दृश्य देखने के बाद यदि यहां किसी फिल्म की शूटिंग का प्लान बनता है और यहां फिल्म या वेबसीरिज बनाई जाती है तो यहां के कलाकारों को भी फिल्म में काम करने का अवसर दिया जाएगा। वेबसीरिज और फिल्मों की तुलना के संबंध में उन्होंने बताया कि दोनों की आपस में तुलना नहीं की जा सकती। फिल्म अपनी जगह है और वेबसीरिज अपनी जगह। वेबसीरिज में प्रति एपिसोड में नए-नए विषय जोड़े जाते हैं परंतु फिल्म एक ही विषय में 2 या 3 घंटे में पूरी हो जाती है। बड़े कलाकार भी आजकल छोटे पर्दे पर आ रहे हैं, इससे फिल्म इंडस्ट्री पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। दक्षिण भारत की फिल्मों के बारे में कहा कि आज दक्षिण भारत की फिल्म बालीवुड इंडस्ट्रीज को कड़ी टक्कर दे रही है। हाल ही में आई पुष्पा ने भी बालीवुड इंडस्ट्रीज को कड़ी टक्कर दी।
पत्रकार वार्ता के दौरान उज्जैन के कलाकार दिलीप अकोदिया और अन्य कलाकारों ने भी उनसे भेंट की और दिलीप आर्या का स्वागत किया। प्रेस क्लब में शिवेंद्र तिवारी, भूपेंद्र भूतड़ा, अशोक त्रिपाठी ने दिलीप आर्या का स्वागत किया। संचालन रामचंद्र गिरी ने किया। इस दौरान अन्य पत्रकार राजेश रावत, राजेश करे, विमल बैंडवाल, श्याम भारती, दीपक टंडन, मनीष पांडे, दारा खान, संजय शुक्ला, विजय ठाकुर, रूपेश तिवारी, प्रकाश प्रजापत, विजय यादव, मुरली मनोहर जोशी, मनोज कुशवाह आदि उपस्थित थे।वेबसाइट की दुनिया के क्षितिज पर चमकता सितारा अभिनेता दिलीप आर्या की कहानी *गुदड़ी के लाल* वाली कहावत को अक्षर चाहा सत्य करती नजर आती है ।इनका जन्म उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के छोटे से गांव अमोली राजमिस्त्री के घर पर हुआ । 11 वर्ष की अल्पायु में ही पिता का साया सिर से उठने के बाद अपनी मां के साथ खेतों में काम करने के साथ ही अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए कानपुर विश्वविद्यालय स्नाकोत्तर व भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ के छात्र दिलीप आर्या की आंखों ने सिनेमा के रुपहले पर्दे के ख्वाब सजा रखे थे ।अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) मैं प्रवेश लिया और अपनी जिंदगी के नए सफर पर दिल्ली की ओर कूच कर गए वहां एक स्थानीय समूह के साथ थिएटर करना शुरू किया इसके बाद आर्या ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने सपनों की ऊंची उड़ान भरने के लिए अभिनय की बारीकी सीखना जरूरी समझी और इसके लिए विद्वान शिक्षकों के सानिध्य में पहुंचे गए जिन्होंने इनका मार्ग प्रशस्त किया। आज दिलीप आर्या किसी पहचान के मोहताज नहीं है