उज्जैन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव जी ने शहर के कलाकारों एवं साहित्यकारों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए

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मंत्री डॉ यादव शहर के कलाकारों एवं साहित्यकारों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए
उज्जैन 29 दिसंबर। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव बुधवार को स्थानीय होटल में आयोजित शहर के कला और साहित्य क्षेत्र से जुड़े गणमान्य नागरिकों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए । इसमें शहर के नाट्य विधा, नृत्य विधा, गायन विधा के कलाकार, वरिष्ठ रंगकर्मी, रचनाकार और साहित्यकार मौजूद थे।
मंत्री डॉ यादव ने उज्जैन शहर के विकास में कलाकारों की भूमिका के संबंध में संवाद किया । उन्होंने कहा कि उज्जैन के अतीत, वर्तमान और भविष्य में विकास पर हमें चर्चा करनी है, साथ ही कलाकारों एवं साहित्यकारों से शहर के विकास के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी लेने हैं ।
मंत्री डॉ यादव ने कहा कि उज्जैन शहर का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है । कला के क्षेत्र में विकास के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम उज्जैन में आयोजित किए जाते रहे हैं । सांदीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान के महत्व से सभी भलीभांति परिचित हैं । वेद विद्या प्रतिष्ठान से निकले विद्यार्थियों को जीवन भर स्कॉलरशिप और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी ।
मंत्री डॉ यादव ने कहा कि उज्जैन शहर के विकास के लिए 2021 से 2035 तक का मास्टर प्लान बनाया गया है । यह शहर का तीसरा मास्टर प्लान है । मक्सी रोड,आगर रोड और देवास रोड पर कई उद्योग संचालित किए जा रहे हैं । दो नए उद्योगों का भूमि पूजन भी किया गया है । इनके प्रारंभ होने से 10000 लोगों को रोजगार मिलेगा । उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क भी बनेगा । उल्लेखनीय है कि उज्जैन सहित पूरे देश में चार पार्क बनेंगे, जहां मेडिकल उपकरण बनाए जाएंगे ।
भविष्य में यहां कई उद्योग स्थापित होंगे और साथ ही सहायक उद्योग भी लगेंगे । मंत्री डॉ यादव ने संवाद कार्यक्रम में कहा कि किसी भी कालखंड के गौरव का बखान वहां के कलाकारों के माध्यम से ही होता है । अतः उज्जैन के कलाकार अपनी कला के माध्यम से शहर के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें
संवाद कार्यक्रम में कलाकारों और साहित्यकारों द्वारा शहर के सांस्कृतिक और कलाक्षेत्र में विकास के लिये महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए । इनमें सांदीपनि आश्रम में भगवान कृष्ण की लीलाओं से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाएं वइनमें देश व के कलाकारों को प्रस्तुति का मौका दिया जाए, उज्जैन में गीता महोत्सव आयोजित किया जाए, उज्जैन के कलाकारों को रिहरसल के लिए एक निश्चित स्थान उपलब्ध करवाया जाए, कलाकारों के मंदिरों में हाजिरी परंपरा प्रारंभ की जाए ,शहर के सभी प्रमुख मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का वर्ष भर का कैलेंडर बनाया जाए, कृष्ण मंदिर में हवेली संगीत गायन परंपरा प्रारंभ की जाए, रीगल टॉकीज का जीर्णोद्धार और नवीनीकरण किया जाए साथ ही यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएं जैसे महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए ।

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