उज्जैन महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान का वार्षिकोत्सव सम्पन्न पुरे वेदो का झान उपनिषदों में ही समाहित है। श्री एम मधुकरनाथ

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पूरे वेदों का ज्ञान उपनिषदों मे ही समाहित है –   श्री एम. मधुकरनाथ*

श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्‍थान का वार्षिकोत्‍सव सम्‍पन्न
उज्जैन 22 दिसम्‍बर 2021। पूरे वेदों का ज्ञान उपनिषदों मे ही समाहित है। ऋग्‍वेद प्राचीन वेद है जिसके बाद सामवेद आता है। सामवेद की विशेषता है कि सामवेद मंत्रों की तरह बोला नही जाता बल्कि सामगान किया जाता है। प्रत्‍येक व्‍यक्ति साम गान नही कर सकता हैं। यह विद्या सामान्‍य नही है, जब मन  शान्‍त और शुद्ध होता है, तब सामवेद का ज्ञान हो पाता हैं। यह उदगार श्री महाकालेश्‍वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्‍थान के वार्षिकोत्‍सव के अवसर पर सामवेद पर आधारित परिचर्चा में पद्मभूषण माननीय श्री एम.मधुकरनाथ ने दिये।
उन्‍होने कहा कि, इन्द्रियों से जो उपासना करते हैं, उससे ही परमानन्‍द व मोक्ष की प्राप्ति होती है। उसी जागृत चेतना के माध्‍यम से इस विधा का अनुगमन हो रहा है।
कार्यक्रम की अध्‍यक्षता करते हुए मध्‍यप्रदेश शासन के उच्‍च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने क‍हा कि, अनू‍भूति का नाम ही सामवेद है। इसको अनुभव के माध्‍यम से प्राप्‍त किया जा सकता है। सभी भाषाओं की जननी संस्‍कृत हैं।
विशेष अतिथि व संस्थान के संस्‍थापक सदस्‍य एवं मध्‍यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्‍यक्ष श्री विभाष उपाध्‍याय ने कहा कि, समाज में चेतना को जागृत करने का कार्य आचार्य एवं बटुक ही करते है, इस कारण से ही वेदों का स्‍वरूप जीवन्‍त हैं। अत: समाज इन दोनो का जीवन पर्यन्‍त ऋणी रहेगा।
श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबन्‍ध समिति द्वारा संचालित श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्‍थान के १३ वें  वार्षिकोत्‍सव कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि के उदबोधन के पूर्व दीपप्रज्‍जवलन कर  कार्यक्रम का प्रारंभ किया हैं। दीपप्रज्‍जवलन के पश्‍चात कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि पद्मभूषण श्री एम.मधुकरनाथ, अध्‍यक्षता कर रहें मध्‍यप्रदेश शासन के उच्‍च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, विशेष अतिथि मध्‍यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्‍यक्ष श्री विभाष उपाध्‍याय ,सारस्‍वत अतिथि के रूप में महर्षि पाणिनि संस्‍कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के  कुलपति प्रो. विजय कुमार मेनन एवं महर्षि सान्‍दीपनि राष्‍ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्‍ठान के सचिव प्रो. विरूपाक्ष जड्डीपाल का श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबन्‍ध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड द्वारा शाल व स्‍मृति चिन्‍‍ह देकर सम्‍मान किया गया।
इस दौरान मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.पी.गहलोत, श्री आर.के.तिवारी, संस्‍थान के आचार्य, कर्मचारी के अतिरिक्‍त अन्‍य वैदिक पाठशालाओं दण्‍डी सेवाश्रम, रामराज्‍य गौशाला, श्री बृजेशानन्‍द वेद विद्यालय, ऋषि गुरूकुल वेद विद्यालय , महर्षि कण्‍व वेद विद्यालय के आचार्य व बटुक आदि उपस्थित थें। इस दौरान संस्‍थान के बटुकों द्वारा शुक्‍ल यजुर्वेंद एवं महर्षि सांदीपनि राष्‍ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्‍ठान के आचार्य व बटुकों द्वारा सामवेद के मंत्रों का गान किया गया।सभी मंचासीन गणमान्य अतिथियो द्वारा श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के वार्षिकोत्सव के अंतर्गत पुरस्कार वितरण किया गया।
मंच संचालन एवं आभार प्रदर्शन डॉ. पीयूष त्रिपाठी द्वारा किया गया।

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