भारत तिब्बत समन्वय संध की प्रथम राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित हुऐ कई प्रस्ताव चीन द्वारा हथियाई गई भारत की भुमि को मुक्त कराए जाने की मांग

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भारत तिब्बत समन्वय संघ की प्रथम राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित हुए कई प्रस्ताव, चीन द्वारा हथियाई गई भारत की भूमि को मुक्त कराए जाने की मांग, तिब्बतियों को मिले दोहरी नागरिकता

उज्जैन। भारत तिब्बत समन्वय संघ की प्रथम राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक विगत दिनों संपन्न हुई। बैठक में दस प्रस्तावों को ध्वनिमत से पारित कर चीन द्वारा हथियाई गई भारत की भूमि को मुक्त करवाने, चीन के विंटर ओलंपिक के बहिष्कार करने, इंडो चीन नही, इंडो तिब्बत सीमा लिखे जाने आदि कई विषयों पर विद्वानों ने विचार व्यक्त किए।
यह जानकारी देते हुए भारत तिब्बत समन्वय संघ मालवा प्रांत के अध्यक्ष श्री प्रकाश रतनापारखी एवं महामंत्री श्री शिवेंद्र तिवारी ने बताया कि भारत तिब्बत संघ(बीटीएसएस) की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक वर्चुअल रूप से आयोजित हुई। पहले यह बैठक हरिद्वार में होना थी, पर ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए बैठक को वर्चुअल रुप से आयोजित किया गया। आपने बताया कि ऑनलाइन प्लेटफार्म पर हुई बैठक में करीब दस प्रस्तावों को पारित किया गया। जिसमे कहा गया कि भारतीय संसद में 14 नवंबर 1962 को पारित संकल्प के क्रम में चीन द्वारा हथियाई गई जमीन को वापस लिया जाए और भारतीय संसद में पारित इस संकल्प की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए 14 नवंबर 2022 को देशभर में आंदोलन किया जाएगा और संघ के कार्यकताओं द्वारा सभी सांसद व विधायकों से संपर्क कर संसद में पारित संकल्प पर अमल करने की मांग की जाएगी। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघचालक व भारत तिब्बत समन्वय संघ के प्रणेता प्रो.राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया व विश्व शांति धैर्य व करुणा के प्रतिमान परम पावन दलाई लामा जी को भारत रत्न दिए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में तिब्बत परिक्षेत्र को विश्व प्राकृतिक संपदा संरक्षित क्षेत्र घोषित किए जाने की मांग की गई। श्री रत्नापारखी व श्री तिवारी ने बताया कि भारत सरकार कैलाश मानसरोवर के दर्शन को जाने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में वृद्धि कराए और यात्रियों को यात्रा के लिए अनुदान दे। बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि तिब्बत में महिलाओं पर घृणित अत्याचारों व अमानवीय यातनाएं चीन द्वारा दी जा रही है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ के नेतृत्व में इसकी रोकथाम के लिए अंतरराष्ट्रीय समिति का गठन किया जाए।
भारत तिब्बत समन्वय संघ के मालवा प्रान्त अध्यक्ष श्री प्रकाश रत्नापारखी व महामंत्री श्री शिवेंद्र तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कोरोना फैलाकर अनगिनत लोगों की हत्या करने वाले चीन में आयोजित होने जा रहे विंटर ओलंपिक्स के पूर्ण बहिष्कार, तिब्बत बॉर्डर पर चीनी सैनिकों के सामने भारतीय सैनिकों के बिना अस्त्र-शस्त्र के रखने के चीन से सन 93 व 96 के करार को तत्काल तोड़ने, आयुष मंत्रालय द्वारा तिब्बती चिकित्सा पद्धति को आश्रय देने, देश में भारत की सीमा के बजाय केवल भारत तिब्बत सीमा शब्द के ही उपयोग की स्वीकृति देने और देश में रह रहे तिब्बत वासियों को दोहरी नागरिकता दिए जाने संबंधी महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक के विभिन्न सत्रों में भारत तिब्बत समन्वय संघ के केंद्रीय सरंक्षक व पूर्व राज्यपाल प्रो.कप्तान सिंह सोलंकी, राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व कुलपति प्रो.प्रयाग जुयाल, राष्ट्रीय महामंत्री श्री विजयमान, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री नरेंद्रपाल सिंह भदौरिया, राष्ट्रीय महामंत्री महिला विभाग राजो मालवीय आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में मालवा प्रांत के पदाधिकारियों ने भी वर्चुअल तरीके से बैठक में सहभागिता की

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