उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आज से प्रवेश प्रारंभ वही भस्मारती की व्यवस्था मे प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा हरिओम जल चढाया भी प्रतिबंधित रहेगा

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*श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आज से प्रवेश प्रारंभ*

*भस्मार्ती की व्यवस्था में प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा*

उज्जैन 05 दिसम्बर 2021। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में हुए निर्णयानुसार 06 दिसम्बर से श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश प्रारंभ किया जा रहा है। परन्तु प्रात:कालीन भस्मा्र्ती में दर्शन व्यवस्था पूर्वानुसार ही रहेगी। भस्मारर्ती के दौरान श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश वर्जित रहे्गा।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड ने जानकारी देते हुए बताया कि, मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री आशीष सिं‍ह के मार्गदर्शन व दिशा-निर्देशों के परिपालन में 06 दिसम्बर से श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश प्रारंभ किया जा रहा है। अभी यह व्यवस्था प्रायौगिक रूप में प्रारम्भ की जा रही हैं। सामान्य दर्शनार्थी हेतु भीड की स्थिति को देखते हुए गर्भगृह से दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की जावेगी। सामान्य दर्शनार्थी शंख द्वार से फेसिलिटी सेन्टर, मंदिर परिसर, कार्तिकेय मण्डपम् से रैप उतरकर गणेशमण्डपम् की बैरिकेट्स से नंदीमण्ड्पम से होते हुए गर्भगृह में प्रवेश करेगे व दर्शन उपरान्त निर्गम रैप से प्रस्थान करेंगे

श्री धाकड ने बताया कि, प्रवेश बंद के दौरान रूपये 1500 की रसीद पर 02 श्रद्धालु , लघु रूद्र की रसीद पर 03 श्रद्धालु और महारूद्र की रसीद पर 05 श्रद्धालु श्री महाकालेश्वर भगवान के गर्भगृह से दर्शन कर सकेगे। इस दौरान भी श्रद्धालु श्री महाकालेश्वर भगवान का केवल जलाभिषेक ही कर सकते है, जिसकी व्यवस्था मंदिर प्रबंध समिति के द्वारा की गई हैं।

यदि श्रद्धालु के परिवार के तीन सदस्यों को गर्भगृह में जल अर्पित करना है तो उन्हें रूपये 1500 /- की एक रसीद के अलावा रूपये 1000/- एक अतिरिक्त रसीद कटवाना होगी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के अधिकृत 16 पुजारी व 22 पुरोहित अपने यजमानों के लिए एक दिवस में अधिकतम 1500/- रूपये की 03 रसीद व लघुरूद्र की 02 रसीद ही काउण्टर से कटवा सकेंगे तथा रसीद कटाने वाले श्रद्धालुओं को अधिकृत पुजारी/पुरोहित व उनके प्रतिनिधि द्वारा परिचय पत्र धारण कर यजमानों को गर्भगृह में प्रवेश कराया जा सकेगा।

*पुजारी/पुरोहित अपने यजमानों को प्रात: 06:15 से 7:15 तक दोपहर 01:00 से 03:00 बजे तक जलाभिषेक तथा रात्रि 08:00 से 09:00 बजे तक 1500/- की रसीद कटाकर दर्शन कर सकेंगे।*

प्रोटोकॉल श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था के अंतर्गत गर्भगृह में प्रवेश हेतु 1500/- रूपये की रसीद अध्यक्ष एवं कलेक्टर/प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति से अनुमति प्राप्त करने के उपरांत कटवाई जा सकेगी।

मंदिर गर्भगृह में किसी भी प्रकार का पूजन, अभिषेक, आरती इत्यादि किया जाना तथा दूध, फूल-प्रसाद या किसी भी प्रकार की पूजन सामग्री ले जाने पर प्रतिबन्ध, रहेगा। भगवान श्री महाकालेश्वर को केवल जल अर्पित कर तत्काल बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे। रसीदधारी श्रद्धालु श्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वार क्रमांक 04 से प्रवेश कर विश्राम धाम से सभा मण्डप चॉदी द्वार से गर्भगृह दर्शन हेतु प्रवेश करेगे व वहॉ की गई व्यवस्था नुसार श्री महाकालेश्वर भगवान का जलाभिषेक कर जल द्वार से बाहर आयेगे। प्रवेश बंद के दौरान रसीद लेकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य होगा। जिसमें पुरूषों को सोला व महिलाओं को साडी में ही गर्भगृह में प्रवेश दिया जा सकेगा।

प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड ने कहा कि, मंदिर प्रबंध समिति द्वारा इन व्यवस्थाओं के सुचारू रूप से संचालन के लिए कर्मचारियों की ड्यूटि लगायी गयी हैं तथा मंदिर के अधि‍कारियों द्वारा प्राप्त निर्देशों के अक्षराक्ष: पालन करने का आदेश दिया गया है। सभी की जिम्मेदारी तय की गयी है, जिसका पालन सभी को अनिवार्य रूप से करना है।

गर्भगृह में प्रवेश के दौरान आगन्तुक समस्त श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 महामारी हेतु जारी गाईडलाईन का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।

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