आज कार्तिक पूर्णिमा पर शिप्रा तट पर स्नान रात में दीपदान व सिख समाज का प्रकाश पर्व

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कार्तिक पूर्णिमा पर आज शिप्रा में स्नान, रात में दीपदान होगा

कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को शिप्रा में स्नान होगा तथा रात में दीपदान किया जाएगा।” इस मौके पर नगर निगम द्वारा शिप्रा तट पर कार्तिक मेले की शुरुआत भी कर दी गई है। मालवांचल से आए शहरी और ग्रामीण यात्री शिप्रा स्नान कर महाकालेश्वर के दर्शन कर कार्तिक मेले में खरीदारी करेंगे।

अवंतिका तीर्थ में कार्तिक स्नान का महत्व है। जो लोग पूरे महीने शिप्रा स्नान नहीं कर पाते वे पूर्णिमा पर आकर शिप्रा में डुबकी लगाते हैं। यात्रियों के लिए नगर निगम द्वारा मेले का आयोजन किया जाता है। कोरोना संक्रमण के चलते दो साल तक कार्तिक मेले का आयोजन नहीं हो सका था। राज्य शासन द्वारा बुधवार को कोरोना गाइड लाइन हटा देने के बाद निगम ने ताबड़तोड़ तैयारी कर गुरुवार से मेले की शुरुआत कर दी। कार्तिक स्नान की व्यवस्थाओं के लिए कलेक्टर ने अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया है। कार्तिक पूर्णिमा पर नदी में दीपदान का भी महत्व है। श्रद्धालु शाम से ही शिप्रा किनारे दीपदान के लिए जुटेंगे। नदी हजारों दीपकों की रोशनी से जगमग होगी। शहर के सभी मंदिरों में विशेष पूजन-आरती के आयोजन होंगे।

सिख समाज में प्रकाश पर्व

सिख समाज द्वारा कार्तिक पूर्णिमा पर पहले गुरु नानकदेवजी का प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। शुक्रवार से तीन दिनी उत्सव की शुरुआत होगी। जत्थेदार सुरेंद्रसिंह अरोरा के अनुसार सभी कार्यक्रम शिप्रा तट स्थित गुरुनानक घाट गुरुद्वारे में होंगे। सुबह 9 बजे अखंड साहिब का भोग होगा तथा सुखमणि साहिब का पाठ किया जएगा। इसके बाद कीर्तन होंगे। सरदार गुरबचनसिंह कालरा का नागरिक अभिनंदन होगा तथा उन्हें सिख रत्न की उपाधि से अलंकृत किया जाएगा। शाम को दीपमालिका लगेगी तथा आतिशबाजी कर उत्सव मनाएंगे। इसके बाद रात 1.30 बजे तक कीर्तन दीवान होगा।

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