देशमुख हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर के नाम से धंधा कर रहा यह नर्सिंग होम शहर का सबसे बदनाम हॉस्पिटल है। शहर के निर्दोष नागरिकों से लाखो रुपये ऐंठकर यह सैकड़ो जानों को लील चुका है. हज़ारों ऑपरेशन बिगाड़ चुका हैं मरीजों के परिजनों से दुर्व्यवहार की दर्जनों शिकायतें लंबित हैं। मौत का यह तांडव इसने जारी रखा व बलाई समाज की बेटी श्री भारत धाकड़ की पत्नी श्रीमती मीना धाकड़ की भी जान पिछली 1 नवम्बर को ले ली। श्री भारत ने घर के नजदीक एक फरिश्ता समझकर देशमुख नर्सिंग होम पर विश्वास किया तब मीना को केवल डेंगू बुखार में ही 49000 प्लेटलेट्स में उसी दिन ऑपरेशन कर डाला। लापरवाही की इम्तेहा भी इतनी कि ऑपरेशन के पहले न ही मरीज का रक्त समूह पता किया न ही थायराइड हृदय सम्बन्धी कोई पूर्व जांच या तैयारी की। मरीज के पति को चलते ऑपरेशन में ब्लड का सेम्पल दिया और कहा कि हमारी लेब बंद है हमे आपके मरीज का ब्लड ग्रुप नही आता। मरीज के पति को चलते ऑपरेशन में रक्त जांच और प्रबंध के नाम पर भगाकर ऑपरेशन में क्या हुआ? क्या निकला कुछ नहीं बताया। आईसीयू में भर्ती रहते भी मरीज ने भारी दर्द की शिकायत की लेकिन किसी भी कर्मचारी या पैसे बटोरने में लगी डॉक्टर ने इनकी कोई सुध नहीं ली। यह दृश्य इस नर्सिंग होम में आम हैं। मरीज की जान लेने के बाद भी इन नरभक्षियों की पिपासा शांत नहीं हुई इन्होंने एडवांस नकद धरोहर जमा और मेडीक्लेम का अप्रूवल होने के बाद भारत धाकड़ जी से जबरन ब्लॅक चेक लेकर रखा। मृत्यु के बाद भी यह चेक नही दिया जोकि समाज के विधायक महेश परमार द्वारा काल करने पर ही छोड़ा।
अतः बलाई समाज अनुरोध करता है कि आरोपी डॉ देशमुख के खिलाफ मेडिकल नेगलिजेंसी से हत्या का अपराध पंजीबद्ध किया जावे व समाज की बेटी के उक्त प्रकरण में समस्त रिकार्ड हॉस्पिटल सीसीटीवी रिकार्डिंग, आईपीडी रिकार्ड जब्त किया जावें व हत्या के दोषी अस्पताल के द्वारा शासकीय जमीन पर ताने गए अवैध भवन को मुक्त कराने की कार्यवाही की जावे अन्यथा समाज उग्र आंदोलन को बाध्य होगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
हत्या का प्रकरण दर्ज करवाया जावे इसकी चिकित्सक पत्नी जो उन पर प्रकरण कायम करवा कर हमें न्याय दिलवाय
महोदय, जब मरीज को बुखार की अवस्था में भर्ती करते समय किडनी, लीवर हार्ट, बिल्कुल ठीक था तथा हिमोग्लोबिन सामान्य 10 पर था। इसके पश्चात गलत उपचार के कारण सभी अंग हार्ट किडनी लीवर ने काम करना बंद कर दिया एक हिमोग्लोबिन खून मात्र 5 पर ही रहा। भर्ती के पूर्व डेंगू की स्थिति में मरीज के शरीर के रक्त पेलेटलेट की मात्र 50000, 46000 और 79000 क्रमशः हास्पीटल की रिपोर्ट के अनुसार था जो कि सामान्य से बहुत कम थे फिर इस अवस्था में का आपरेशन करने का औचित्य नहीं था। ऑपरेशन किया तो किया लेकिन ब्लड ग्रुप पता करने जैसी सामान्य तैयारी के पते नही ।
यह स्पष्ट है कि लापरवाहीपूर्वक डेंगू में ही आपरेशन कर भर्ती कर मानव हत्या की गयी। यह सभी विषय डाक्टर को ध्या रख कर जीवन रक्षा हेतु सही उपचार सेवा न करते हुये मेडिक्लेम की चाह में व्यवसायिकरण की भांति केवल आपरेशन उद्देश्य सिद्ध करने के लिये जीवन को खतरे में डाला। परिणाम स्वरूप पेंशेंट की मौत 2 नवंबर 2021 को इनकी लापर हुई है।
लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना ही नहीं यह पाश्विक है और यह पाश्विकता आगे भी जारी रहीं। मेरी पत्नी की हत्या के ब भी इन्होंने मुझसे गैर कानूनी रूप से रखाया चेक नही दिया जबकि मेडिक्लेम कम्पनी ने इन्हें पूरा पैसा अप्रूव कर दिया था विधायक महेश परमार जब घर बैठने आये तो यह जानकारी सुनकर उन्होंने तुरंत हॉस्पिटल प्रशासन को चेताया जिसके भी कई चक्कर खिलाकर उन्होंने ब्लॅक चेक लौटाया। फिर भी मेरी ओर से जमा की गई 3000 रु की अमानत राशि और के बिल भी नहीं दिये जिसके लिए प्रतिदिन चक्कर कटवा रहें है। जबकि इनके प्रयोग और लापरवाही के चलते मेरे घर गृहलक्ष्मी की लाश इन्ही लापरवाहों की वजह से अभी चंद दिन पहले उठी हैं। मेरे दो नाबालिग बच्चो के सर से माँ का सा उठ गया हैं। मैं और मेरा पूरा परिवार बिखर गया है।
आपसे निवेदन है कि उक्त चिकित्सक डॉ. स्नेहल देशमुख व संबंधित डयूटी डाक्टर व संचालक पर हत्या की एफआईआ दर्ज की जायें तथा हत्या के लिए कड़ा से कड़ा दण्ड दिया जावे ताकि भविष्य में किसी भोले भाले नागरिक का यू जीवन जीवनसाथी न छीना जाए। यही निवेदन है।