उज्जैन महाकाल मार्ग उर्दू स्कूल के पास की कस्बा स्थिति मकान को अतिक्रमण बताया जबकि विक्रय की जमीन पर निर्माण हे। यह भीम आर्मी सेना के राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को बताया

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उज्जैन महाकाल मार्ग उर्दू स्कुल के पास कस्बा स्थिति मकान को अतिक्रमण होना बताकर अवैधानिक बेदखल की कार्यवाही निरस्त करे प्रशासन तहसीलदार द्वारा संवैधानिक अधिकारों मे बिना हस्तक्षेप कर की कार्यवाही
यह जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रार्थीगण ने दी।

1.यह कि प्रार्थीगण द्वारा भूमि सर्वे क. 2253/1/2 2254/3, 2553/1/2 कोट मोहल्ले उज्जैन कि गली, वार्ड न. 33 (तैंतीस) वर्तमान वार्ड न. 31 ( इकत्तीस) अंदर कि और उज्जैन सुभाषचंद्र जमीदार से पंजीकृत विक्रय पत्र द्वारा विधिवत कय किये है जिस आधार पर उज्जैन नगर पालिक निगम में प्रार्थीगण का नाम बहैसियत स्वामी दर्ज है तथा उन्हें भवन निर्माण की अनुज्ञा भी प्रदान की गई है तथा संपत्तिकर भी प्रार्थीगण द्वारा भुगतान किया जाता है उपरोक्त भूमि शहर आबादी क्षेत्र में स्थित है जो शासकीय भूमि 2252 / 1 एवं 2252 / 2 का भाग नहीं है
2. यह कि. दिनांक 30.07.2021 (तीस जुलाई दौ हजार इक्कीस) को तहसीलदार महोदय तहसील जिला उज्जैन द्वारा प्रकरण क. 338 / री-1 / 2021 (तीन सौ अढतीस बटा री-एक बटा दो हजार इक्कीस) में वादग्रस्त मकान को अवैध अतिक्रमण होना बताकर प्रार्थीगण को वैदखल किये 27/जाने बाबत सूचना पत्र प्रदान किया है जबकी वादग्रस्त मकान अवैध अतिक्रमण नहीं है तथा उसे अवैध होना बताकर प्रार्थीगण को बैदखल करने का कोई अधिकार नहीं है। किंतु तहसीलदार द्वारा प्रार्थीगण संवैधानिक अधिकारों मे हस्तक्षेप कर बिना किसी उचित तथा पर्याप्त कारण के तथा बिना अधिकार के तथा बिना प्रमाण के वास्तविकता छुपाते हुये विचाराधिन सूचना पत्र प्रदान किया है।
3.यह कि वादग्रस्त मकान कोट मोहल्ला आवासीय क्षेत्र में स्थित है जो विधि अनुसार शासकीय भूमि का भाग नहीं है वादग्रस्त मकान प्रार्थीगण के स्वामित्व एवं अधिपत्य का है तथा 50(पचास) वर्षों से भी अधिक समय से लगातार बिना किसी अवरोध के विरोधि अधिपत्य के आधार पर भी प्रार्थीगण वादग्रस्त भवन का उपयोग उपभोग भवन स्वामी कि हैसियत से कर रहा है।
4.यह कि. वादग्रस्त मकान राजस्व भूमि पर न होकर आवासीय क्षेत्र महाकाल मार्ग कोट मोहल्ला उज्जैन नगर पालिक निगम के वार्ड क. 33 तैतीस) वर्तमान वार्ड क्र. 31 (इकत्तीस). झोन क. 3 (तीन) में स्थित है ।
5: यह कि दिवानी प्रकरण अपर जिला न्यायालय में विचाराधीन होने के उपरांत भी तहसील न्यायालय द्वारा वैदखली का आदेश दिनांक 11.08.2021 पारित किया गया है उक्त आदेश पारित करने के पूर्व विधि अनुसार वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों के माध्यम से विवादीत भूमि का सीमांकन नहीं करवाया गया है तथा प्रार्थीगण का पक्ष सुने बिना उन्हे बेदखल कर दिया तो प्रार्थीगण तथा उनके परिवारजन के पास निकास हेतु अन्यंत्र कोई व्यवस्था नहीं है और उन्हे अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा तथा उनका जीवन दूभर हो जायेगा।

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