*भाद्रपद माह के दूसरे सोमवार राजाधिराज भगवान श्री महाकाल नगर भ्रमण पर निकले*
*भगवान श्री महाकालेश्वर ने भक्तों को दो रूपों में दर्शन दिये*
राजाधिराज भगवान श्री महाकालेश्वर भाद्रपद माह के दूसरे सोमवार को अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। भगवान महाकाल ने छठी सवारी में अपनी प्रजा को दों रूपों में दर्शन दिये। सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन करने के बाद निर्धारित समय से भगवान श्री महाकाल की पालकी को नगर भ्रमण के लिये रवाना किया गया। पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा द्वारा सम्पन्न करवाया गया। सभामंडप में पूजन श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्येक्ष एवं कलेक्टर श्री आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री सत्येेन्द्र कुमार द्वारा किया गया। पूजन के पश्चात सभी गणमान्यों ने पालकी को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया।
इस दौरान श्री महंत श्री विनीत गिरी, मंदिर समिति के सहायक प्रशासक श्री मूलचंद जूनवाल, श्री प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.पी.गहलोत आदि उपस्थित थे।
*जैसे ही सवारी मंदिर परिसर में पहुची पालकी में विराजित बाबा श्री चंद्रमोलीश्वर ने श्री साक्षी गोपाल मंदिर पर भगवान से भेंट की । हरि से हर के मिलन का सुखद संयोग जन्माष्टमी के शुभ पर्व पर देखते ही बन रहा था।*
मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी मे विराजित श्री चन्द्रमौलेश्वर भगवान को सलामी दी गई। पालकी के आगे घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि की टुकडियां मार्च पास्ट करते हुए चल रही थीं। राजाधिराज भगवान महाकाल की सवारी में भक्त भगवान शिव का गुणगान करते हुए तथा झांझ-मंजीरे, डमरू बजाते हुए चल रहे थे
श्री महाकालेश्वर भगवान की छठी सवारी में रजतजडित पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर विराजित थे और पालकी के पीछे भगवान श्री मनमहेश हाथी पर सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले।