मध्यप्रदेश काग्रेस कमेटी भोपाल भाजपा सरकार की धोर विफलताओं को लेकर काग्रेस सरकार के पुर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने पत्रकार वार्ता में बताया इस अवसर पर विधायक रामलला मालवीय मुरली मोरवाल राजेन्द्र वसिष्ठ योगेश शर्मा कमल कुमारिय जिला पंचायत अध्यक्ष नुरी खान कमल पटेल आदि

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उज्जैन मे पत्रकार वार्ता में पुर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने बताया
वर्तमान शिवराज सरकार निरंतर लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों की प्रदेश में हत्या कर रही है उसका मजाक उड़ा रही
है। विधानसभा का मानसून सत्र पहले तो मात्र 4 दिन का ही रखा गया इसमें से पहला दिन तो श्रद्धांजलि के लिए था बाकी बचे 3 दिन के सत्र को भी मात्र 3 घंटे में ही समाप्त कर दिया गया। इसी से समझा जा सकता है कि वर्तमान शिवराज सरकार जनहित के मुद्दों से बचना चाहती है और उस पर कोई चर्चा नहीं करना चाहती है, ताकि प्रदेश की जनता को उनकी असलियत पता ना चल सके 2
कांग्रेस विधायक दल ने प्रदेश में आई बाढ़ राहत कार्यों के अभी तक शुरू नहीं होने बढ़ती महंगाई पेट्रोल डीजल की आसमान
छूती कीमतें बेरोजगारी किसानों की परेशानी खाद यूरिया के संकट महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार कोरोना प्रदेश में निरंतर
जहरीली शराब से हो रही मौतें, पिछड़ा वर्ग के आरक्षण आदिवासी वर्ग की अनदेखी सहित तमाम मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव से
लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाए थे। सर्वदलीय बैठक में इसको लेकर चर्चा भी हुई थी लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि शिवराज सरकार ने किसी भी विषय पर चर्चा नहीं कराई किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया ? पहले ही सत्र के समय को 4 दिन का रखा गया कांग्रेस ने कई बार मांग की कि सत्र की अवधि को बढ़ाया जाए लेकिन कांग्रेस की मांग को अनसुना किया गया और बाद में इस सत्र को भी 3 घंटे में ही समाप्त कर दिया।
कमलनाथ सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस पर प्रदेश में अवकाश घोषित किया था साथ ही हमने हर विकासखंड पर इस दिवस को मनाने के लिए एक लाख रुपये की राशि भी प्रदान की थी लेकिन वर्तमान शिवराज सरकार ने यह अवकाश भी निरस्त कर दिया और इस दिवस के लिए आदिवासी वर्ग को कोई राशि नहीं देकर अपनी आदिवासी विरोधी मानसिकता का परिचय दिया।
वही हमारी सरकार ने ओबीसी वर्ग के आरक्षण को 8 मार्च 2019 को 14% से बढ़ाकर 27% किया था। इस मामले में न्यायालय में याचिकाएं लगी और एक मेडिकल से संबंधित याचिका का हवाला देकर प्रदेश के अतिरिक्त शासकीय महाधिवक्ता द्वारा दिए गए एक अभीमत के आधार पर सभी शासकीय विभाग नियुक्तियों तथा प्रवेश परीक्षाओं में ओबीसी वर्ग को केवल 14% आरक्षण का लाभ ही दे रहे हैं बड़े हुए 27% आरक्षण का लाभ ओबीसी वर्ग को नहीं मिल पा रहा है। ?शिवराज सरकार की न्यायालय में कमजोर पैरवी व पक्ष ठीक ढंग से नहीं रखने के कारण आज ओबीसी वर्ग को बड़े हुए आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है ? बड़े आश्चर्य की बात है शिवराज जी कह रहे हैं 8 मार्च 2019 को कमलनाथ जी ने निर्णय लिया और 19 मार्च 2019 को इस पर न्यायालय से आदेश आ गया सरकार ने 10 दिन में क्या पैरवी की ? जबकि सच्चाई यह है कि वर्ष 2004 से 2014 तक प्रदेश में शिवराज की सरकार थी इस दौरान कमजोर पैरवी के कारण हम न्यायालय में केस सारे और आज 10 वर्ष में कमजोर पैरवी वाले हम पर 10 दिन में कमजोर पैरवी का आरोप लगा रहे हैं. न्यायालय में केस हारने के बाद भी वर्ष 2014 से 2018 तक शिवराज जी की सरकार ने ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने
के लिए कोई कदम नहीं उठाया ?
आज बाढ़ की आपदा की बात करें तो मौसम विभाग के अलर्ट के बावजूद शिवराज सरकार ने बाढ़ के प्रबंधन के लिए कोई तैयारी नहीं की ? ग्वालियर-चंबल संभाग में 29 से अधिक मौतें इस बाढ़ के कारण हो चुकी है डेढ़ लाख हेक्टेयर से अधिक फसल बर्बाद हो चुकी है 30,000 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं 4000 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है और अभी तक वहां की जनता को राशन की बजाय सिर्फ शिवराज जी का भाषण ही मिला है, कोई राहत अभी तक नहीं मिली है ? शिवराज जी बाढ़ ग्रस्त इलाकों में दौरे के दौरान लोगों को राशन की बजाय भाषण परोस कर आ गये आज भी लोग दाने-दाने को तरस रहे हैं ?
इस बाढ़ में 7 बड़े पुल भी बह गए, जिनका निर्माण पिछले 10 वर्षों के दौरान करोड़ों की लागत से हुआ था राष्ट्रीय राजमार्ग तक उखड़ गए कई सड़कें धंस गई हजारों करोड़ की आधारभूत संरचनाएं नष्ट हो गई, इससे शिवराज सरकार के विकास कार्यों में हुए भ्रष्टाचार की पोल सामने आ रही है कि किस प्रकार निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार किया गया ? आज अंग्रेजों के जमाने के वर्षों पुराने पुल आज तक सुरक्षित हैं और वर्तमान शिवराज सरकार के पुल इस बारिश में बह गए इस सब मामलों की भी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए ?
वहीं यदि महंगाई की बात करें तो आज पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। वर्ष 2021 में सरकार को वेट से पेट्रोल से 1033.76 डीजल से 1395.46 शराब से 151.68 करोड़ की आमदनी हुई हजारों करोड़ के राजस्व के बाद भी सरकार जनता को कोई राहत प्रदान नहीं कर रही है? आज देश में मध्य प्रदेश में सबसे महंगा पेट्रोल बिक रहा है और पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा कर मध्यप्रदेश में लग रहे हैं।
आज मध्यप्रदेश में पेट्रोल पर 33% बेट साडे 4.5 लीटर अतिरिक्त कर व 1 रुपया सेंस शेष लग रहा है वहीं डीजल पर 23% वैट 3 रुपये अतिरिक्त कर एवं 1% सेंस लग रहा है। आज महिलाओं पर अत्याचार की बात करें तो सरकार ने खुद विधानसभा में स्वीकारा है कि जून 2020 से लेकर जून 2021
तक 1 वर्ष में प्रदेश में बहन-बेटियों के साथ 6716 दुष्कर्म की घटनाएं हुई है। खुद को मामा कहलवाने वाले शिवराज जी की सरकार की यह स्थिति है ?
मुख्यमंत्री शिवराज जी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में कई घोषणाएं की जबकी बात करें तो 3 माह कोरोना की दूसरी लहर के बाद उनके द्वारा की गई तमाम योजनाओं का लाभ आज तक लोगों को नहीं मिल पा रहा है ?शिवराज सरकार ने जिन लोगों की कोरोना से मृत्यु हुई है उन्हें 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी लेकिन आज 3 माह बाद भी यह योजना प्रारंभ नहीं हुई है ? वही बात करें तो मध्य प्रदेश के अंदर 156 पुलिसकर्मियों की कोरोना से मृत्यु हुई और कोरना योद्धा का लाभ अभी तक सिर्फ 6 पुलिसकर्मियों को ही मिला, यह खुद सरकार ने विधानसभा में स्वीकारा है ?
आज हमारी आशा-उषा कार्यकर्ता बहने सड़कों पर आंदोलन कर रही हैं, उन्हें 1 माह पूर्व मानदेय बढ़ाने का आश्वासन दिया।
गया था लेकिन आज तक उस पर कोई निर्णय नही हुआ है और वो सड़कों पर भारी बारिश में आंदोलन कर रही है और सरकार ने उन्हें भोपाल में कैदियों की तरह जेल की भांति बंद कर कर प्रताड़ना दी। आज हमारे प्रदेश का कर्मचारी वर्ग भी निरंतर आंदोलन कर रहा हैं उनको न वेतन वृद्धि लाभ मिल पा रहा है ना कमलनाथ सरकार के समय बढ़े हुए डीए का लाभ मिल पा रहा है और ना एरियर की राशि का भुगतान मिल पा रहा है? आज बात करें तो प्रदेश में चयनित शिक्षक अपनी नियुक्ति को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार के
कानों में कोई ज़ू नहीं रेंग रही है ?
आज शिवराज सरकार से हर वर्ग परेशान है ?
आज किसानों की बात करें तो प्रदेश में खाद यूरिया का संकट है खाद यूरिया की जमकर कालाबाजारी हो रही है। अमानक खाद व बीज का धंधा जोरों पर है। किसान अपनी मूंग बेचने के लिए दर-दर भटक रहा है सरकार रोज झूठी घोषणा कर रही है. कि एक-एक दाना मूंग का खरीदा जाएगा ? बात करें तो इस वर्ष प्रदेश में 12 लाख मैट्रिक टन मूंग का उत्पादन हुआ है और सरकार समर्थन मूल्य पर 2.47 मेट्रिक टन मूंग ही खरीद रही है जो कि उत्पादन के हिसाब से अपर्याप्त है ? सरकार को किसानों का मूंग का एक-एक दाना खरीदना चाहिए। आज सोयाबीन के बीज की कमी और इसकी जमकर कालाबाजारी के कारण प्रदेश में सोयाबीन का रकबा घट रहा है. पीला सोना कहीं जाने वाली सोयाबीन, जो प्रदेश की पहचान थी उसका उत्पादन निरंतर कम हो रहा है, इसके पीछे शिवराज सरकार की नीतियां जिम्मेदार है?
आज यदि आदिवासी वर्ग की बात करें तो नेमावर के अंदर किस प्रकार एक आदिवासी परिवार को मार कर 10 फीट गहरे गड्ढे में डालकर, नमक और यूरिया डालकर उन्हें दफना दिया गया और बड़े आश्चर्य की बात है 47 दिन तक पुलिस ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की ? अपराधियों को भाजपा नेताओं का खुला संरक्षण प्राप्त था अपराधी बेखौफ होकर घूमते रहे पीड़ित परिवार बार-बार अपराधियों की ओर इशारा करता रहा लेकिन अपराधियों को जानबूझकर खुलेआम खुला छोड़ा गया | कमलनाथ जी ने मौके पर जाकर परिवार के मृतक प्रत्येक सदस्य के लिए पांच लाख रुपए की राशि यानि की कुल 25 लाख रुपए की राशि पीड़ित परिवार को प्रदान की। कांग्रेस ने मांग की कि इस हत्याकांड की सीबीआई जांच करवायी जावे लेकिन आदिवासी परिवार होने के कारण शिवराज सरकार सीबीआई जाँच नहीं करवा रही है ? आज प्रदेश में आदिवासियों पर्व पर निरंतर अत्याचार हो रहे हैं, आज तक मुख्यमंत्री व कोई जिम्मेदार नेता पीड़ित परिवार से मिलने नहीं गया ? वही बात करें तो प्रदेश में जहरीली शराब से पिछले 1 वर्ष के दौरान 70 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। बात करें उज्जैन में 16 लोगों की मृत्यु के बाद शिवराज सरकार ने एक जांच दल बनाया था और उस समय खूब बड़ी बड़ी बातें की थी कि शराब माफियाओं को नेस्तनाबूद कर देंगे लेकिन उसके बाद भी मुरैना के अंदर जहरीली शराब से 24 लोगों की मौत हुई ग्वालियर छतरपुर-भिंड के अंदर जहरीली शराब से मौतें हुई और अब प्रदेश के आबकारी मंत्री के क्षेत्र मल्हारगढ़ में जहरीली शराब से 10 लोगों की मौत हुई और अभी तक इन पीड़ित परिवारों को कोई आर्थिक सहायता भी नहीं मिली है ? शिवराज जी रोज कहते हैं कि माफियाओं को गाड़ दूंगा टांग दूंगा, लटका दूंगा लेकिन उनकी यह सब बातें जुमला साबित हो रही है। आज भी माफिया बेखौफ होकर अपने कामों को अंजाम दे रहे हैं माफियाओं पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, वहीं कमलनाथ सरकार ने अपने 15 माह में इन माफियाओं को नेस्तनाबूद कर दिया था, जिसकी गवाह को प्रदेश की जनता है। बात करें तो प्रदेश के विदिशा जिले के गंजबासौदा में एक कुआं धसने से कई लोगों की मृत्यु हुई खुद को संवेदनशील बताने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री घटनास्थल से थोड़ी ही दूर पर बैठे रहे लेकिन वे मौके पर नहीं गए ? अगले दिन भोपाल आकर दिल्ली तक चले गए लेकिन उन्होंने पीड़ित परिवारों से मिलना तक उचित नहीं समझा यह सरकार की संवेदनशीलता है ? वही बात करें तो प्रदेश का मंत्रिमंडल एक जादूगर के सर्कस की तरह है जिसके मंत्री रोज उल-जलूल बयान देते हैं। एक मंत्री विश्वास सारंग कहते हैं कि देश में बढ़ती महंगाई के पीछे 15 अगस्त 1947 को लाल किले की प्राचीर से नेहरू जी का दिया गया भाषण जिम्मेदार है, जबकि सच्चाई यह है कि नेहरू जी ने 15 अगस्त 1947 को लाल किले से कोई भाषण ही नहीं। दिया ?

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